Sengol Controversy: सेंगोल विवाद पर बसपा सुप्रीमो Mayawati ने सपा को घेरा, बोलीं- इनके हथकण्डों से रहें सावधान

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Sengol Controversy: हाल ही में समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद आर के चौधरी ने संसद से सेंगोल हटाने की मांग कर एक नयी बहस छेड़ दी. जिसको लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने सपा सांसद आर. के. चौधरी द्वारा संसद में ‘सेंगोल’ की स्थापना का विरोध किए जाने को लेकर सपा पर निशाना साधा है.

सेंगोल विवाद पर मायावती की सपा को नसीहत

बसपा मुखिया मायावती ने शुक्रवार, 28 जून को एक्स पर पोस्‍ट कर लिखा, सेंगोल को संसद में लगाना या नहीं लगाना, इस पर बोलने की बजाय सपा के लिए बेहतर होता कि वह देश के कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों के हितों में तथा आम जनहित के मुद्दों को लेकर केन्द्र सरकार को घेरती. सच्चाई यह है कि यह पार्टी अधिकांश ऐसे मुद्दों पर चुप ही रहती है तथा सरकार में आकर कमजोर वर्गों के विरुद्ध फैसले भी लेती है. इनके महापुरुषों की भी उपेक्षा करती है. इस पार्टी के सभी हथकण्डों से सावधान रहें.

अचानक से सेंगोल पर क्यों छिड़ी बहस

हाल ही में मोहनलालगंज सीट से सपा सांसद आर. के. चौधरी ने संसद भवन में ‘सेंगोल’ स्थापित किए जाने का विरोध करते हुए इस सिलसिले में प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को एक पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने ‘सेंगोल’ को राजशाही का प्रतीक बताते हुए उसके स्थान पर संविधान की विशाल प्रति स्थापित करने की मांग की थी. आर.के. चौधरी ने कहा, “संविधान लोकतंत्र का प्रतीक है. भाजपा सरकार ने संसद में सेंगोल स्थापित किया. ‘सेंगोल’ का अर्थ है ‘राज-दंड’ या ‘राजा का डंडा’. रियासती व्यवस्था खत्म होने के बाद देश आजाद हुआ. क्या देश ‘राजा के डंडे’ से चलेगा या संविधान से? मैं मांग करता हूं कि संविधान को बचाने के लिए सेंगोल को संसद से हटाया जाए.”

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