BYJU Crisis: भारतीय स्टॉर्ट अप और शिक्षा-प्रौद्योगिकी मंच के संस्थापक बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) पर संकट के बादल गहराते जा रहे हैं. दरअसल, ईडी (ED) ने बायजू के संस्थापक बायजू रवींद्रन के खिलाफ आव्रजन ब्यूरो से लुक-आउट-सर्कुलर जारी करने को कहा है. ताकि, यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह जांच अधिकारी को सूचित किए बिना देश नहीं छोड़ें. पिछले साल नवंबर में, एजेंसी ने 9,362.35 रुपये के विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के कथित उल्लंघन के खिलाफ दायर एक शिकायत के आधार पर बायजू की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड और रवींद्रन को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
सरकारी सूत्रों ने दी जानकारी
एक सरकारी सूत्र ने कहा, उन्होंने आव्रजन विभाग को बायजू के फाउंडर के खिलाफ एलओसी जारी करने का अनुरोध किया है. केंद्रीय एजेंसी ने कहा, उसने थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्राप्त विदेशी निवेश और फर्म के व्यावसायिक आचरण के संबंध में विभिन्न शिकायतों के आधार पर जांच कर रही है. ईडी के मुताबिक, कंपनी में बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश आया, जो कथित तौर पर फेमा, 1999 के प्रावधानों का उल्लंघन था और इससे केंद्र सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ.
कंपनी के वैल्यूएशन में आई है बड़ी गिरावट
एडटेक फर्म, जिसका मूल्य एक समय 20 अरब डॉलर से अधिक था और जो भारत के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम की सबसे प्रमुख कंपनी थी, को पिछले साल बड़े पैमाने पर घाटा हुआ और मूल्यांकन में लगभग 90 फीसदी की गिरावट आई है. इतना ही नहीं, बायजू 1.2 बिलियन डॉलर के ऋण को लेकर अमेरिका में ऋणदाताओं के साथ कानूनी लड़ाई में भी फंसा हुआ है. रवींद्रन, एक पूर्व इंजीनियर, जिन्होंने मौजूदा संकट से पहले जबरदस्त वृद्धि देखी थी,
एडटेक फर्म की गिरती वैल्यूएशन के लिए आलोचना का शिकार हो रहे हैं. शेयरधारकों के एक समूह ने रवींद्रन को बाहर करने और एक नया बोर्ड नियुक्त करने के लिए एक एजीएम बुलाने का अनुरोध किया था. लेकिन एडटेक फर्म के संस्थापक को कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश से कुछ राहत मिली है, जिसमें कहा गया है कि बैठक में लिया गया कोई भी निर्णय अगली सुनवाई तक अमान्य होगा.
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