C20 Cryogenic Engine: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरों (ISRO) को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है. दरअसल इसरों के बहुप्रतिक्षित रॉकेट इंजन C20 क्रायोजेनिक ने सफलतापूर्वक टेस्ट पास कर लिया है. ऐसे में अब जल्द ही इस इंजन से देश के भविष्य के मिशनों में महत्वपूर्ण योगदान लिया जाएगा.
बता दें कि इसरो ने तमिलनाडु के महेंद्रगिरि स्थित इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में 100 के नोजल क्षेत्र रेशियो वाले अपने CE20 क्रायोजेनिक इंजन का समुद्र तल पर हॉट टेस्ट सफलतापूर्वक पूरा किया है. इस परिक्षण के दौरान इंजन रिस्टार्ट करने की क्षमता के लिए जरूरी मल्टी-एलिमेंट इग्नाइटर का प्रदर्शन भी किया गया.
समुद्र तल पर टेस्ट जोखिम भरा
दरअसल, समुद्र तल पर CE20 इंजन का टेस्ट करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है, मुख्य रूप से हाई प्रेशर रेशियो नोजल के वजह से उसपर लगभग 50 mbar का एग्जिट प्रेशर होता है. ऐसे में समुद्र तल पर परीक्षण के दौरान बड़ी चिंता नोजल के अंदर बह रही पृथक्करण है, जो प्रवाह पृथक्करण तल पर गंभीर कंपन और थर्मल प्रॉब्लम्स की ओर ले जाता है, जिससे नोजल को संभावित मैकेनिकल नुकसान हो सकता है.
इंजन के लिए फ्लाइट परीक्षण में HAT सुविधा
ऐसे में इस समस्या को कम करने के लिए CE20 इंजन के लिए फ्लाइट परीक्षण में हाई-एल्टिट्यूड टेस्ट (HAT) सुविधा में किए जा रहे हैं, जिससे एक्सेटेंस टेस्टिंग प्रक्रिया में कठिनाईयां बढ़ जाती है. वहीं, एचएटी में परीक्षण से जुड़ी जटिलता को कम करने के लिए, नोजल प्रोटेक्शन सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए समुद्र तल टेस्ट तैयार किया गया था, जिसने क्रायोजेनिक इंजनों की एक्सेपटेंस टेस्ट के लिए एक लागत प्रभावी और कम जटिल प्रक्रिया का मार्ग पास किया है.
इंजन रिस्टार्ट करना कठिन काम
इसरो के मुताबिक, क्रायोजेनिक इंजन को दोबारा शुरू करना एक जटिल प्रकिया है. वहीं, सबसे बड़ी चुनौती नोजल बंद किए बिना वैक्यूम इग्निशन और मल्टी-एलिमेंट इग्नाइटर का इस्तेमाल हैं. वहीं, इसरों ने पहले के ग्राउंड टेस्ट में नोजल बंद किए बिना CE20 इंजन के वैक्यूम इग्निशन को कर दिखाया है. वहीं, अब इस टेस्ट में मल्टी-एलिमेंट इग्नाइटर के प्रदर्शन का भी मूल्यांकन किया गया, जिसमें सिर्फ पहला एलिमेंट एक्टिवेट किया गया था, जबकि अन्य दो एलिमेंट के कंडीशन की निगरानी की गई थी.
इंजन ने हासिल किया परफार्मेंस पैरामीटर
इस परीक्षण के दौरान इंजन और सुविधा दोनों का प्रदर्शन सामान्य था, और इंजन ने भी परफार्मेंस पैरामीटर को हासिल किया. इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर द्वारा बनी स्वदेशी CE20 क्रायोजेनिक इंजन LVM3 लॉन्च व्हीकल के ऊपरी फेज को शक्ति दे रहा है और 19 टन के थ्रस्ट लेवल पर चलाने के योग्य है.
इसरों के मुताबिक, इस इंजन ने अबतक 6 LVM3 मिशनों के ऊपरी फेज को सफलतापूर्वक संचालित किया है. वहीं, हाल ही में इंजन को गगनयान मिशन के लिए 20 टन के थ्रस्ट स्तर के साथ योग्य घोषित किया गया था, और भविष्य के C32 चरण के लिए 22 टन के अपरेटेड थ्रस्ट लेवल के साथ भी योग्य घोषित किया गया था, जिससे LVM3 प्रक्षेपण यान की पेलोड क्षमता में बढ़ोतरी होगी.
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