Capt. Reya K Sreedharan: ब्रिगेडियर कौशल श्रीधरन की बेटी रेया के श्रीधरन भारतीय वायुसेना में शामिल हो चुकी हैं. 11 महीने की मुश्किल ट्रेनिंग के बाद रेया वायुसेना में कैप्टन के पद पर नियुक्त हुई हैं. इस नियुक्ति के साथ ही रेया ने कुछ ऐसा कर दिखाया है, जो भारत में पहले कभी नहीं हुआ था. रेया के श्रीधरन पहली ऐसी महिला हैं, जिनके पिता भी वायुसेना में थे और वह भी सेना का हिस्सा बन गई हैं. उनसे पहले किसी भी वायुसेना अधिकारी की बेटी वायुसेना का हिस्सा नहीं बनी थीं.
सेना की दक्षिणी कमान में रेया शामिल
पुणे में भारतीय सेना की दक्षिणी कमान में रेया के श्रीधरन को शामिल किया गया है. भारतीय सेना ने कहा कि अपने पिता ब्रिगेडियर कौशल श्रीधरन के पदचिन्हों पर चलते हुए, कैप्टन रेया के श्रीधरन ने CATS, नासिक में आयोजित विदाई समारोह में प्रतिष्ठित एविएशन विंग्स को गर्व के साथ हासिल किया. 11 महीने के कठोर ट्रेनिंग के बाद, वह आर्मी एविएशन कोर में विरासत का दावा करने वाली और यह प्रतिष्ठित उपलब्धि प्राप्त करने वाली पहली दूसरी पीढ़ी की महिला अधिकारी बन गईं.
क्या है एविएशन विंग
एविएशन विंग भारतीय सेना एविएशन कोर (AAC) के अधिकारियों को दिए जाते हैं. भारतीय सेना एविएशन कोर थल सेना की सहायता के लिए नियुक्त की जाती है. सीएटीएस भारतीय सेना का प्रमुख उड़ान प्रशिक्षण संस्थान है जो सेना प्रशिक्षण कमान (ARTRAC), शिमला के अधीन है. कॉम्बैट एविएटर्स कोर्स सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद अधिकारियों को प्रतिष्ठित ‘एविएशन विंग’ से नवाजा जाता है. इसके बाद ये अफसर लड़ाकू हेलीकॉप्टर के पायलट के तौर पर काम करते हैं.
भारतीय वायुसेना में इतने विंग
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में 47 विंग हैं, जो आमतौर पर दो या तीन स्क्वाड्रन, हेलीकॉप्टर इकाइयों और अग्रिम बेस सपोर्ट इकाइयों से मिलकर बनी संरचनाएँ हैं. एक ग्रुप कैप्टन को आमतौर पर एक विंग की कमान संभालने की जिम्मेदारी होती है.
ये भी पढ़ें :- भारत मंडपम में होगा अष्टलक्ष्मी महोत्सव का आयोजन, पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन, जानें कब