केंद्र ने चालू वित्त वर्ष के पहले 8 महीनों के दौरान विभिन्न विकास परियोजनाओं में खर्च बढ़ाने के लिए अपनी ‘पूंजी निवेश के लिए विशेष सहायता’ योजना के तहत राज्यों को 50,571.42 करोड़ रुपये जारी किए हैं. लोकसभा में एक लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी (Pankaj Chaudhary) ने कहा, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, केरल, पंजाब और तेलंगाना को छोड़कर 28 राज्यों में से 23 ने चालू वित्त वर्ष के दौरान केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई ब्याज मुक्त सुविधा का लाभ उठाया.
केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, इस सुविधा के साथ सबसे अधिक राशि 7,007.93 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश को जारी किए गए. इसके बाद मध्य प्रदेश को 5,074.94 करोड़ रुपये, बिहार को 5,408.88 करोड़ रुपये, राजस्थान को 4,552.01 करोड़ रुपये, पश्चिम बंगाल को 4,416.23 करोड़ रुपये, असम को 3,181.97 करोड़ रुपये, ओडिशा को 3,085.44 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र को 2,617.70 करोड़ रुपये, आंध्र प्रदेश को 2,616.27 करोड़ रुपये और कर्नाटक 2,272.87 करोड़ रुपये दिए गए.
पूंजी निवेश के लिए विशेष सहायता
वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 2024-25 के बजट में राज्यों के लिए केंद्र की ‘पूंजी निवेश के लिए विशेष सहायता’ योजना के तहत 1.5 लाख करोड़ रुपये का आवंटन प्रदान किया है. पूंजी निवेश के लिए राज्यों को केंद्र की विशेष सहायता योजना के तहत पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देने के लिए 50 साल का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाता है. इस योजना के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा, सिंचाई, जलापूर्ति, बिजली, सड़क, पुल और रेलवे सहित विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी निवेश परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है.
इस योजना के तहत जल जीवन मिशन और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में राज्यों के हिस्से को पूरा करने के लिए भी धन मुहैया कराया गया है, ताकि इन क्षेत्रों में परियोजनाओं की गति बढ़ाई जा सके. इस योजना के कुछ हिस्से या तो सुधारों से जुड़े हैं या फिर क्षेत्र विशेष परियोजनाओं के लिए हैं. इस योजना के तहत राज्यों को राज्य सरकार के वाहनों और एंबुलेंस को स्क्रैप करने, पुराने वाहनों पर देनदारियों को माफ करने, पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए व्यक्तियों को कर रियायतें देने और स्वचालित वाहन परीक्षण सुविधाएं स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन भी दिया जाता है.