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केंद्र सरकार ने चांद पर रिसर्च करने के लिए भारत के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-5 (Chandrayaan-5) को मंजूरी दे दी है. इस बात की जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष वी.नारायणन ने दी है. साथ ही इस बात की जानकारी भी सामने आई है कि भारत का चंद्रयान-4 मिशन कब तक लॉन्च किया जाएगा. इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन ने रविवार को बताया कि बस तीन दिन पहले ही हमें चंद्रयान-5 मिशन के लिए मंजूरी मिली है. हम इसे जापान के सहयोग से करेंगे. उन्होंने बताया कि भारत के चंद्रयान-5 मिशन के तहत, चंद्रमा की सतह का अध्ययन करने के लिए 250 किलोग्राम का रोवर भेजा जाएगा.
चंद्रयान-4 कब होगा लॉन्च ?
इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन ने बताया कि संभावना है कि चंद्रयान-4 को साल 2027 में प्रक्षेपित किया जाएगा. इसरो अध्यक्ष ने बताया है कि चंद्रयान-4 मिशन का मकसद चंद्रमा से इकट्ठा किए गए नमूनों को वापस लाना है.
अब तक 131 उपग्रह लॉन्च कर चुका है भारत
वी. नारायणन ने बताया कि भारत अब तक 131 उपग्रह लॉन्च कर चुका है, जिनमें से कई SAARC देशों को भी दिए गए हैं. पिछले 10 वर्षों में ISRO ने 433 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण किया है, जिनमें से 34 अन्य देशों के थे. उन्होंने कहा कि ISRO ने 90 प्रतिशत की सफलता दर हासिल की है, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी उपलब्धि है. यह आंकड़े दिखाते हैं कि भारत अब न केवल अपने लिए, बल्कि अन्य देशों के लिए भी एक भरोसेमंद लॉन्च सेवा प्रदाता बन चुका है. वहीं, भारत अब तमिलनाडु के तटीय गांव कुलसेकरपट्टिनम में दूसरा स्पेसपोर्ट बना रहा है. 28 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना का उद्घाटन किया था.
यह स्पेसपोर्ट छोटे उपग्रहों (500 किलोग्राम तक) को लॉन्च करने के लिए स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) के उपयोग के लिए बनाया जा रहा है. इस परियोजना का निर्माण 5 मार्च 2025 से शुरू हो चुका है. इस स्पेसपोर्ट की मदद से भारत छोटे उपग्रहों के वैश्विक लॉन्च बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की दिशा में काम करेगा. कार्यक्रम के दौरान, ISRO प्रमुख ने पूर्व अध्यक्ष के. सिवन की कड़ी मेहनत की तारीफ की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की.
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री का एक ही लक्ष्य है- भारत को विकसित बनाना। मैं एक साधारण परिवार से हूं, लेकिन मेरे साथ काम करने वाले सभी सहयोगियों को धन्यवाद देता हूं.” ISRO की यह नई पहल भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में वैश्विक शक्ति बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम है. आने वाले वर्षों में, भारत न केवल चंद्रमा पर मानव मिशन भेजने की तैयारी कर रहा है, बल्कि अपने स्वदेशी अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना की योजना भी बना रहा है. इससे भारत को अंतरिक्ष में दीर्घकालिक शोध करने और वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी.