मोदी सरकार का बड़ा फैसला, लेटरल एंट्री वाले विज्ञापन पर लगाई रोक

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Lateral Entry: लेटरल एंट्री वाले मामले पर छिड़े विवाद के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. मोदी सरकार ने लेटरल इंट्री के विज्ञापन पर रोक लगाने का फैसला लिया है. 17 अगस्त को जो लेटरल इंट्री का विज्ञापन निकाला गया था, सरकार ने उसपर रोक लगा दी है. इसी के साथ यूपीएसी को सीधी भर्ती की प्रक्रिया को रोकने का आदेश दिया है. माना जा रहा है कि केंद्र की मोदी सरकार अब लेटरल एंट्री में आरक्षण लाने का विचार कर रही है.

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि केंद्र की मोदी सरकार लेटरल एंट्री में भी OBC/SC/ST के लिए आरक्षण लाने का विचार कर रही है. इस कारण से ही लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगाई गई है. 17 अगस्त को केंद्र सरकार के मंत्रालयों में भर्ती के लिए यूपीएससी ने कुल 45 पदों पर भर्ती निकाली थी. यह सभी भर्तियां लेटरल एंट्री के माध्मय से की जानी थी. नियमों के मुताबिक लेटरल एंट्री की भर्ती में कोई आरक्षण नहीं होता है.

जानिए लेटरल एंट्री क्या होती है?

दरअसल, लेटरल एंट्री को सीधी भर्ती कहा जाता है. इसके लिए विज्ञापन निकाला जात है और इसमें उन लोगों को लिया जाता है, जो अपनी फील्ड में काफी माहिर होते हैं. ये IAS-PCS या कोई सरकारी कैडर से नहीं होते है. सभी को अनुभव के आधार पर सरकार अपने नौकरशाही में तैनात करती है.

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