Chandrayaan-4 मिशन के सबसे बड़ी चुनौती का ISRO चीफ ने किया खुलासा, गगनयान के लॉन्च होने का डेट भी बताया

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Chandrayaan-4: चंद्रयान-4 मिशन (Chandrayaan-4 Mission) को हाल ही में कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. इस मिशन को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने 2104.06 करोड़ रुपये का फंड दिया है. फिलहाल इस मिशन को पूरा करने में कम से कम दो साल का समय लग सकता है. हालांकि चंद्रयान-4 मिशन और गगनयान मिशन को लेकर भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी  इसरो के चीफ डॉ. एस. सोमनाथ ने कुछ जानकारी शेयर की है.

दोगुना होगा सैटेलाइट का आकार

उन्होंने बताया है कि चंद्रयान 4  की इंजीनियरिंग पूरी कर ली गई है, इसके साथ ही इसे कैबिनेट से मंजूरी भी मिल गई है, लेकिन इस मंजूरी को कई परतों से गुजरना होगा. उन्‍होंने बताया कि चंद्रयान 3 का लक्ष्य सिर्फ चंद्रमा तक जाना था और धीरे से उतरना था. यही वजह है कि अब चंद्रमा से वापस आना एक और चुनौती के बराबर है.

इसी साल लॉन्‍च होगा गगनयान

बता दें कि चंद्रयान 4 मिशन में सैटेलाइट का कुल आकार लगभग दोगुना हो जाएगा. इसके साथ ही इसमें पांच मॉड्यूल होंगे. वहीं, गगनयान को लेकर इसरो चीफ डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा कि गगनयान लॉन्च के लिए तैयार है, इसे इस साल के अंत तक लॉन्च करने की कोशिश की जा रही है.

दो हिस्सों में लॉन्च होगा चंद्रयान-4

खास बात ये है कि मिशन Chandrayaan-4 एक ही बार में लॉन्च नहीं किया जाएगा. इसे दो हिस्सों में प्रक्षेपित किया जाएगा. वहीं, अंतरिक्ष में जाकर इसके मॉड्यूल्स को जोड़ें जाएंगे यानी डॉकिंग करवाया जाएगा.

चंद्रयान-4 में 5 मॉड्यूल्स

  • प्रोपल्शन मॉड्यूल
  • डिसेंडर मॉड्यूल
  • एसेंडर मॉड्यूल
  • ट्रांसफर मॉड्यूल
  • री-एंट्री मॉड्यूल

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