रिटायर होने से पहले ये 5 बड़े फैसले सुनाएंगे CJI चंद्रचूड़, राजनीति और निजी जिंदगी पर पड़ेगा असर

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

CJI DY Chandrachud Retirement: देश के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. उनके बाद जस्टिस संजीव खन्ना सुप्रीम कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश होंगे. ऐसे में वर्तमान मुख्‍य न्‍यायाधीश चंद्रचूड़ के पास सुप्रीम कोर्ट के महज 5 कार्य दिवस शेष बचे हैं.

इन पांच कार्य दिवसों में वह कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसला देने वाले हैं. इनमें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा देने से जुड़ा विवाद और मदरसा कानून की वैधता जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं. रिटायर होने से पहले चीफ जस्टिस जिन मुद्दों पर फैसला सुनाएंगे, उनका न केवल राजनीति बल्कि आम लोगों की जिंदगी पर भी प्रभाव पड़ेगा.

मदरसा कानून की वैधता का मामला

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ मदरसा कानून की वैधता से जुड़े मामले पर अपना फैसला सुनाएंगे. सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में हुई सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली 3 जजों की पीठ ने यूपी मदरसा अधिनियम की वैधता से जुड़े मुद्दे पर फैसला सुरक्षित रखा था. इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक फैसले को चुनौती दी गई है, जिसके तहत कोर्ट ने उत्‍तर प्रदेश मदरसा कानून को असंवैधानिक घोषित करते हुए बच्चों को सरकारी स्कूलों में समायोजित करने का आदेश दिया गया था.

संपत्ति के विवरण का मामला

सीजेआई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 9 जजों की संविधान पीठ ने संपत्ति के विवरण मामले में फैसला सुरक्षित रखा था. सर्वोच्‍च न्‍यायालय निजी संपत्ति अधिग्रहण कर उनका पुनर्वितरण करने के अधिकार पर अपना फैसला सुनाएगी.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से जुड़ा मामला

मुख्‍य न्‍यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ इस कानूनी सवाल पर अपना फैसला सुनाएंगे कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) को संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त है या नहीं. 7 जजों की संविधान पीठ ने 1 फरवरी, 2024 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

भर्ती प्रक्रिया में बदलाव का मामला

सर्वोच्‍च न्‍यायालय के पांच जजों की संविधान पीठ इस कानूनी सवाल पर अपना फैसला सुनाएगी कि क्या भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों और शर्तों में बदलाव हो सकता है? इस मामले में 23 जुलाई को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था.

एलएमवी लाइसेंस धारक मामला

लाइट मोटर व्हीकल (LMV) लाइसेंस धारक चालक को 7,500 किलोग्राम तक के वजन वाले परिवहन वाहन चलाने का अधिकार है या नहीं? इस मसले पर भी संविधान पीठ अपना फैसला सुनाएगी. इस मुद्दे पर सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ ने 21 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रखा था.

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