CM Himanta Biswa Sarma: सीएम हिमंत बिस्वा की दो टूक, बोले ‘जब तक मैं जिंदा हूं,… बाल विवाह होने नहीं दूंगा’

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

CM Himanta Biswa Sarma: असम सरकार ने प्रदेश में मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 को निरस्त कर दिया है. बता दें कि इस अधिनियम में मुस्लिम विवाह और तलाक के स्वैच्छिक पंजीकरण का प्रावधान था. जिसको लेकर इन दिनों असम में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. इन सब के बीच आज यह मुद्दा असम विधानसभा में पहुंच गई. जहां विपक्ष ने इस मुद्दे पर जब सवाल उठाया तो जमकर हंगामा हुआ.

सदन में हंगामा

दरअसल, विपक्ष ने मुस्लिम विवाह और तलाक कानून के निरस्त होने के प्रस्ताव को लेकर सदन में सवाल उठाया. इसको लेकर सदन में हंगामा होने लगा. इस दौरान सीएम हिमंत बिस्वा सरमा भी तेश में आ गए. उन्होंने सदन में कहा कि जब तक मैं जिंदा हूं, राज्य में बालविवाह नहीं होने दूंगा.

2026 से पहले बंद कर दूंगा दुकान

असम के मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, “कुछ लोगों ने मुस्लिम बेटियों को बर्बाद करने और उनका शोषण करने की दुकान खोल रखी है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. मैं इन दुकानों को पूरी तरह से बंद कराकर ही चैन लूंगा.” उन्होंने कहा कि मेरी बात ध्यान से सुनो, जब तक मैं जीवित हूं मैं असम में बाल विवाह नहीं होने दूंगा. जब तक हिमंत बिस्वा सरमा जीवित हैं ऐसा नहीं होने दूंगा. मैं आपको राजनीतिक रूप से चुनौती देता हूं मैं इस दुकान को 2026 से पहले बंद कर दूंगा.

जानिए क्या था अधिनियम

गौरतलब है कि बीते दिनों असम सरकार ने राज्य में मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 को निरस्त कर दिया. इस अधिनियम में मुस्लिम विवाह और तलाक के स्वैच्छिक पंजीकरण का प्रावधान था. जिसमें सरकार को एक मुस्लिम व्यक्ति को ऐसे पंजीकरण के लिए आवेदन पर मुस्लिम विवाह और तलाक को पंजीकृत करने के लिए अधिकृत करने वाला लाइसेंस प्रदान करना होता था. असम सरकार के इस फैसले के बाद माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही यूसीसी के लिए भी कदम उठा सकती है.

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