Noida News: गौतमबुद्ध नगर के नोएडा स्थित विश्वप्रसिद्ध गलगोटिया यूनिवर्सिटी के उत्तरीय क्षेत्र सम्मेलन 2024 में उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री और सांसद डॉ. दिनेश शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद छात्र-छात्राओं को संबोधित किया. सम्मेलन में 45 विश्वविद्यालयों से शामिल छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए डॉ. शर्मा ने कहा कि एक अच्छा विद्यार्थी वह है जिसमें सीखने की भूख हो तथा अपने भविष्य के प्रति चिन्तनशील तथा वर्तमान से संतुष्ट हो. वर्तमान से जो संतुष्ट होता है उसे ही जीवन में सफलता और खुशहाली मिलती है.
इस दौरान डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि विद्यार्थी को अतीत से सीख लेकर वर्तमान को बेहतर करते हुए भविष्य के प्रति चिन्तशील होना चाहिए. आज देश की सरकार ने शोध के लिए तमाम रास्ते खोले हैं. देश ने लालटेन युग को भी देखा है और उस कठिन दौर से निकली प्रतिभाओं ने दुनिया भर में अपनी काबलियत से देश का नाम रोशन किया है.
देश में बदलाव का जिक्र करते हुए डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि पहले बिजली का आना समाचार होता था और अब बिजली का जाना समाचार होता है. नए नए प्रयोगों से नए अविष्कार हुए हैं. कोरोना के समय में सबसे अधिक चिन्ता भारत को लेकर व्यक्त की जा रही थी क्योंकि भारत में एक समय में मलेरिया का टीका तक उपलब्ध नहीं था. उन्होंने कहा कि ऐसा भी दौर था जब टीके भी बाहर से मंगाने पड़ते थे. कोरोना के समय में दुनिया कराह रही थी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत के वैज्ञानिको ने तीन तीन वैक्सीन बना दी. इन वैक्सीन ने देश के साथ दुनिया के अन्य 120 लोगों की भी रक्षा की. अमेरिका जैसी ताकत को भी अपने लोगों को बचाने के लिए भारत से गुहार लगानी पड़ी थी.
सांसद ने कहा कि पिछले 10 साल उम्मीदों को हकीकत में बदलने वाला समय रहा है. इससे पहले डिजिटल इंडिया , मेक इन इंडिया जैसी बातें सोची भी नहीं गई थी. जनधन खाते खोले गए जो आम जनमानस के सुनहरे भविष्य की कुंजी बन गए. आज इन खातों में बिना किसी कटौती के कुछ ही पल में पूरी की पूरी सरकारी सहायता पहुंच रही है. डॉ. शर्मा ने कहा कि एक समय वह भी था जब देश के एक पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि अगर सरकार 100 रुपए भेजती है तो मात्र 15 ही लोगों तक पहुचते हैं. आज जिस प्रकार से लोगों तक सहायता पहुंच रही है वह भी नई नई खोज का परिणाम है.
इस दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन को उत्तम बनाने के लिए नई तकनीक का प्रयोग जरूरी है. तकनीक के प्रयोग के विपरीत प्रभाव को भी देखा जाना चाहिए. उत्तर प्रदेश में तकनीक और शोध की नई जानकारियों को साझा करने के लिए ही शोध गंगा पोर्टल बना है. उन्होंने कहा कि कोरोना के समय ने ऑनलाइन शिक्षा के द्वार खोले और ज्ञान के प्रवाह को बनाए रखा. सरकार ने डिजिटल लाइब्रेरी बनाई जिसके कंटेन्ट दुनियाभर में भारत की मेधा शक्ति का नाम रोशन कर रहे हैं. भारत की मेधा शक्ति का दुनिया में कही मुकाबला नहीं है. भारत आज पिछड़ा नहीं है. पहले भारत के बच्चे विदेश पढ़ने जाते थे पर आज दूसरे देशों के बच्चे पढ़ने के लिए भारत आ रहे हैं. ये बदलते भारत की तस्वीर है.
डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि बच्चों का सीखने की आदत डालनी चाहिए. भारत के व्यक्ति की पहचान भारत की संस्कृति से होती है जो परिवार की संस्कृति है जबकि विदेशी संस्कृति बाजार की संस्कृति है. उस संस्कृति में सब कुछ बिकाऊ है. ऐसी संस्कृति से बचकर रहने की जरूरत है. ध्यान रखना चाहिए कि सम्मान हमेशा व्यक्ति के गुण का होता है तथा छात्रों को हमेशा अहंकार से दूर रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज यूपी भी बदला है और देश में सबसे अधिक निवेश प्रदेश में हो रहा है. आज प्रदेश में सबसे बडा डेटा सेन्टर बना है. प्रदेश में सबसे अधिक मोबाइल बन रहे हैं. एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी जिसकी 1925 में स्थापना हुई उसके 1100 सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि गर्व की बात है कि इसके प्रथम अध्यक्ष डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे. किसी भी उच्च शिक्षण संस्थान की पहचान वहां पर किए गए शोध से होती है. गलगोटिया विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कीर्तिमान बना रहा है. आज वह 35 हजार से अधिक छात्रों को शिक्षा दे रहा है. यहां आज देश के अलग अलग विश्वविद्यालयों के शोधार्थी आए हुए हैं जो अपने अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे.
डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि विकसित भारत बनाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए संविधान का अनुपालन जरूरी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार 2015 से संविधान दिवस मना रही है. देश के संविधान के लेखन का कार्य आजादी के पहले ही आरंभ हुआ था तथा देश में 26 जनवरी 1950 से संविधान लागू हुआ था. बच्चों को पठन पाठन के साथ ही देश में चल रही गतिविधियों की भी जानकारी होनी चाहिए.
इस अवसर पर वैज्ञानिक तथा निदेशक डीoआईoबीoईo आरo डॉक्टर देवकांत सिंह जी, महासचिव एवं सदस्य सचिव एo आईoयूo डॉ पंकज मित्तल जी, संयुक्त निदेशक आरo ईoएस एoआईoयूo डॉ अमरेंद्र पाणी जी, कुलाधिपति गलकोटिया विश्वविद्यालय श्री सुनील गलगोटिया जी, विशेष कार्य अधिकारी डाo ध्रुव गलगोटिया जी, कुलपति डॉक्टर केoएमo बाबू जी, प्रोफेसर डॉक्टर अवधेश कुमार जी एवं रजिस्ट्रार डॉक्टर नितिन कुमार कौर की आदि उपस्थित रहे.