Delhi News: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष जमकर हंगामा कर रहे हैं, जिसके बाद दोनों सदनों की कार्यवाही आए दिन स्थगित करनी पड़ रही है. इसी बीच राज्यसभा में विपक्ष के हंगामा को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सांसद दिनेश शर्मा ने पत्रकारों से दिल्ली में बात की.
इस दौरान डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहब अम्बेदकर द्वारा दिये गए संविधान को अपने हिसाब से तोड़ मरोड़ कर जनता के सामने समय समय पर पेश किया. अगर इसे उसी भावना से पेश किया गया होता तो जो आज जातीयता, प्रांतीयता एवं अलगाववाद का भाव आज पनपने नहीं पाता. उन्होंने कहा कि भारत का संविधान सबको समान प्रेरणा देता है तथा इसमें दलीय भावना नहीं होनी चाहिए.
पत्रकारों से बातचीत करते डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि संविधान यह कहीं नहीं कहता कि अल्पसंख्यकों के लिए अलग कानून होना चाहिए तथा बहुसंख्यकों के लिए अलग कानून होना चाहिए. संविधान में वक्फ बोर्ड बनाने का जिक्र कहीं भी नहीं है. हिन्दू को भी शिक्षा मिले और मुसलमानों को भी शिक्षा मिले तथा दोनों की शिक्षा में कहीं भेदभाव नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अम्बेदकर ने जो संविधान बनाया था उसमें सीता माता, भगवान राम और बजरंगबली की फोटो थी, बुद्ध की फोटो थी तथा तमाम मन्दिरों की फोटो थी. उसमें झांसी की रानी तथा सुभाष चंद्र बोस जी की भी फोटो थी. संविधान के संरक्षण का भाव देश को मजबूत भी बनाता है तथा लोगों को एक साथ रहने का रास्ता भी बताता है.
इस दौरान जब सांसद शर्मा से पूछा गया कि कैबिनेट द्वारा पारित किए गए एक देश एक चुनाव के बारे में वे क्या सोचते हैं तो उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक कदम है. यह कानून सबके हित चिंतन के भाव से बना कानून है. इसमें चुनाव पर आने वाले व्यय और अपव्यय में न केवल कमी आएगी, बल्कि इसके पीछे समन्वय और एकता , निष्पक्षता एवं एकरूपता का भाव छिपा हुआ है. उन्होंने कहा कि चुनाव के कारण बार बार सरकारी काम में जो बाधा आती है वह भी इससे दूर होगी. इस दैरान उन्होंने राज्यसभा न चलने देने के लिए विपक्ष की आलोचना की.