प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश देशद्रोह है, मानहानि के मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने की टिप्पणी

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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दिल्ली हाईकोर्ट ने आज एक मामले कि सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश करना देशद्रोह के समान है और यह एक बहुत गंभीर अपराध है. जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा कि किसी व्यक्ति द्वारा प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश रचने का आरोप गैर-जिम्मेदाराना तरीके से नहीं लगाया जा सकता है और इसके लिए मामला ठोस कारणों पर आधारित होना चाहिए.

इस मामले पर सुनवाई के दौरान टिप्पणी

दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट बीजू जनता दल के सांसद पिनाकी मिश्रा द्वारा वकील जय अनंत देहाद्राय के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे की सुनवाई कर रहा था। आरोपों के मुताबिक देहाद्राय ने पिनाकी मिश्रा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है। कोर्ट ने देहाद्राय के वकील से कहा कि उन्हें उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के इस्तेमाल से कोई समस्या नहीं है, लेकिन देहाद्राय जो कह रहे हैं, उसके गंभीर परिणाम होंगे, क्योंकि इससे देश का सर्वोच्च पद प्रभावित होगा। देहाद्राय पिनाकी मिश्रा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ साजिश का आरोप कैसे लगा रहे हैं ?

प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश देशद्रोह के बराबर

कोर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश देशद्रोह के बराबर है और जब तक देहाद्राय, मिश्रा के खिलाफ इस तरह के आरोप को साबित नहीं कर पाते, तब तक निषेधाज्ञा आदेश पारित किया जाएगा। प्रधानमंत्री के खिलाफ ये बहुत गंभीर आरोप हैं। आप ट्रिगर हैप्पी नहीं हो सकते। मुझे यहां एक समस्या है। आप एक मौजूदा सांसद द्वारा प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश का गंभीर आरोप लगा रहे हैं। आप इसे स्पष्ट करें या मैं आपको निषेधाज्ञा लगा दूंगा।

प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश गंभीर मुद्दा

कोर्ट ने कहा कि वह प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश के “ट्रिगर हैप्पी” आरोपों की अनुमति नहीं दे सकता। यह एक बहुत ही सीमित मुद्दा है जो हमें परेशान कर रहा है। जब आप प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश कहते हैं, तो यह बहुत गंभीर मुद्दा है। आप ट्रिगर हैप्पी नहीं हो सकते। आप कह सकते हैं कि वादी एक राजनेता है और वह पतली चमड़ी का नहीं हो सकता, मैं इससे सहमत हूं। लेकिन आप जो आरोप लगा रहे हैं वह बहुत गंभीर हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि पिनाकी मिश्रा बार के एक प्रतिष्ठित सदस्य हैं। इसलिए आप ऐसा नहीं कर सकते।

इन शब्दों को लेकर मुकदमा

दरअसल, पिनाकी मिश्रा ने अनंत देहाद्राय पर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने और उन्हें “कैनिंग लेन”, “ओडिया बाबू” और “पुरी का दलाल” कहने के लिए मुकदमा दायर किया है। मामला तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा से जुड़ा हुआ है। पिनाकी मिश्रा ने कोर्ट में दाखिल याचिका में अनंत देहाद्राय से माफी मांगने और हर्जाने की मांग के अलावा, अपमानजनक आरोप लगाने से रोकने और ट्विटर X के साथ-साथ न्यूज एजेंसी ANI, PTI के प्लेटफार्मों पर मौजूद कथित अपमानजनक सामग्री को हटाने के लिए निर्देश देने की मांग की है।

सारंगी ने कोर्ट से कही यह बात

पिनाकी मिश्रा के वकील समुद्र सारंगी ने दलील दी कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत महुआ मोइत्रा के खिलाफ लोकपाल के आदेश में नकदी के बदले पूछताछ मामले में उनका कोई संदर्भ नहीं था। मिश्रा ने प्रधानमंत्री मोदी को “टारगेट” नहीं किया था, जैसा कि देहाद्राय द्वारा आरोप लगाया जा रहा है। अनंत देहाद्राय पिनाकी मिश्रा, दर्शन हीरानंदानी और महुआ मोइत्रा को एक साथ नहीं रख सकते। सारंगी ने कोर्ट से कहा कि मेरी पार्टी वैचारिक रूप से BJP और प्रधानमंत्री के साथ जुड़ी हुई है। सुनवाई के दौरान अनंत देहाद्राय ने कोर्ट से कहा कि उन्होंने महुआ मोइत्रा और मिश्रा के बीच बातचीत को प्रत्यक्ष रूप से देखा है। वो महुआ मोइत्रा के भाषण लिखते थे और बताते थे कि किस तरह के आरोप लगाने हैं।

वकीलों ने कही यह बात

हालांकि, कोर्ट ने कहा कि एक बार वादी ने कह दिया कि उनकी विचारधारा प्रधानमंत्री के समान है, तो मामला खत्म हो गया है न?” अनंत देहाद्राय ने आगे कहा कि मिश्रा ने देशद्रोह किया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह CBI की शिकायत को रिकॉर्ड पर रखेंगे, जिससे मिश्रा की संलिप्तता का पता चलेगा। देहाद्राय के वकील राघव अवस्थी ने कहा कि मामले पर कल सुनवाई की जा सकती है, ताकि वह अपनी CBI शिकायत को रिकॉर्ड पर रख सकें। इसके बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई बुधवार को दोपहर 2.30 बजे ही तय की। ANI की ओर से पेश वकील सिद्धनाथ कुमार ने कहा कि उन्होंने केवल कानूनी कार्यवाही की रिपोर्ट की थी और समाचार एजेंसी को देहाद्राय के इंटरव्यू का हिस्सा था। हमने उनसे (देहाद्राय से) जांच के बारे में सवाल पूछे क्योंकि वे शिकायतकर्ता थे। मुझे केवल इसी बात की चिंता है। हम दूसरे बयानों से चिंतित नहीं हैं। कोर्ट ने साफ किया कि वह मीडिया पर रोक नहीं लगाएगी।

महुआ मोइत्रा के साथ घनिष्ठ की बात

अपनी याचिका में ओडिशा के पुरी निर्वाचन क्षेत्र के सांसद ने कहा है कि वह अनंत देहाद्राय की पूर्व साथी और तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा के साथ घनिष्ठ मित्रता रखते हैं और वे कुछ दोस्तों मित्रों के माध्यम से देहाद्राय से मिले थे और उनके साथ उनकी सीमित बातचीत हुई। याचिका में आरोप लगाया गया है कि अनंत देहाद्राय और महुआ मोइत्रा के अलग होने के बाद, उन्होंने मोइत्रा के खिलाफ रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और उन्होंने पिनाकी मिश्रा को “उड़ीसा से सांसद” के रूप में भी संदर्भित किया, जो कथित तौर पर महुआ मोइत्रा के करीबी सहयोगी थे। इसके बाद, नवंबर 2023 में अनंत देहाद्राय ने न केवल मोइत्रा के खिलाफ, बल्कि वादी सहित उन लोगों के खिलाफ भी आरोपों की बौछार जारी रखी, जिनके साथ उनके व्यक्तिगत संबंध थे।

फर्नीचर के लिए 2 करोड़

मिश्रा ने कोर्ट को यह भी बताया है कि नवंबर 2023 में, देहाद्राय ने ट्विटर पर ट्वीट्स की एक श्रृंखला प्रकाशित करना शुरू कर दिया। उनके खिलाफ “कैनिंग लेन” और “ओड़िया बाबू” जैसे छद्म नामों का इस्तेमाल किया गया और यह आरोप लगाया गया कि पिनाकी मिश्रा आपराधिक साजिशों में शामिल थे। देहद्रई द्वारा CBI को की गई शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि महुआ मोइत्रा की ओर से महंगें फर्नीचर जैसी चीजें खरीदने के लिए मिश्रा के पास 2 करोड़ रुपये रखे गए थे, इस दावे पर मिश्रा ने कहा है कि CBI की शिकायत के मुताबिक महुआ मोइत्रा द्वारा कथित तौर पर कैश दिए जाने के समय (मई 2021) से पहले उन्होंने फर्नीचर अपने इस्तेमाल के लिए खरीदा था।

“प्रतिवादी नंबर 1 ने प्रतिवादी नंबर 4 के प्लेटफॉर्म पर “चंद्रावी पिनाकी मोइत्रा” / “अहमद अंसारी” के नाम से एक छद्म नाम वाला अकाउंट भी बनाया है, जिसके जरिए प्रतिवादी नंबर 1 ने न केवल इस तरह के घृणित, दुर्भावनापूर्ण और खुद को बदनाम करने वाले आरोप पोस्ट करना जारी रखा है, बल्कि यह पुष्टि करने के लिए टिप्पणी भी की है कि प्रतिवादी नंबर 1 के ट्वीट में “कैनिंग लेन” / “ओडिया बाबू” / “पुरी के दलाल” का इस्तेमाल वादी को लेकर करता है। इससे पहले महुआ मोइत्रा ने भी अनंत देहाद्राय पर मानहानि का मुकदमा किया था। हालांकि, हाईकोर्ट ने इस मामले में TMC नेता को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। देहाद्राय ने भी मोइत्रा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। हाईकोर्ट अभी भी इस मामले पर विचार कर रहा है।

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