रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- आप केवल सीमाओं के रक्षक ही नहीं, राष्ट्र के निर्माण के अग्रदूत भी हैं

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

महूः रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ उपेंद्र द्विवेदी मध्य प्रदेश के महू में आर्मी संस्थानों में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. इसके पहले वे डॉ. भीमराव आंबेडकर जन्मभूमि स्मारक पर पहुंचे, जहां उन्होंने डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ ही अस्थि कलश के दर्शन किए.

इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि महू में लंबे समय से आर्मी वार कॉलेज, इंफेंट्री स्कूल और मिलेट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग भी लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं. अपनी स्थापना के समय से ही ये संस्थान भारतीय सेनाओं के ऑफिसर और जवानों को, मिलेट्री रणनीति और युद्ध कौशल में पारंगत बना रहे हैं.

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रक्षा मंत्री ने कहा कि आज इस अवसर पर मैं राष्ट्र के प्रति आप सभी की सेवा के लिए भी, आपका आभार प्रकट करना चाहता हूं. आपका समर्पण और आपकी कर्तव्यनिष्ठा, हम सबके लिए प्रेरणा का काम करती है. यह आपकी मेहनत और प्रतिबद्धता ही है, जिस वजह से हमारा देश और इसकी सीमाएं लगातार सुरक्षित और सशक्त हो रही हैं.

उन्होंने कहा कि मुझे सबसे ज्यादा जो बात अपील करती है, वह है कर्म के प्रति आपकी निष्ठा. जिस प्रकार से आप, हर चीज से ऊपर उठकर केवल राष्ट्र सेवा को ही अपना कर्म मानकर निरंतर लगे हुए हैं, शायद इसी को निष्काम कर्म कहा गया है. आपका यह निष्काम कर्म ही है, जिसने हमारी सेना को एक अलग ही मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया है.

रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि 2047 तक भारत को एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाया जाए. इस लक्ष्य की प्राप्ति में, सेना की भूमिका बेहद अहम है. आप केवल सीमाओं के रक्षक ही नहीं हैं, बल्कि आप इस राष्ट्र के निर्माण के अग्रदूत भी हैं.

आपके युवा और मजबूत कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है
आपके युवा और मजबूत कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. आपको एक तरफ तो हमारी सीमाओं का भार संभालना है, वहीं दूसरी तरफ, विकसित भारत के निर्माण की नींव भी रखनी है. मुझे विश्वास है कि लोहे के समान आपके ये मजबूत कंधे इस राष्ट्र के निर्माण का भार बेहद आसानी से वहन करेंगे. मेरी शुभकामनाएं आप सभी के साथ हैं.

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