Uttarakhand News: पूर्व सरकारों पर गरजे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, कहा- हमारी सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए है प्रतिबद्ध

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Uttarakhand News: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में सीमांत क्षेत्र जोशीमठ स्थित ढाक में थे. यहां से उन्होंने चीन सीमा को जोड़ने वाले जोशीमठ-मलारी मार्ग पर हाल ही में तैयार ढाक व भापकुंड पुल और सुमना-रिमखिम मोटर मार्ग पर बने रिमखिम गाड पुल सहित 35 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया. इसमें उत्तराखंड सहित सात राज्यों के 29 पुल और 6 सड़कें शामिल हैं. रक्षामंत्री के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और गढ़वाल सांसद तीर्थ सिंह रावत भी मौजूद रहे.

इस अवसर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों को मुख्यधारा का हिस्सा मानती है न कि बफर जोन. एक समय था, जब सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास को ज्यादा महत्व नहीं दिया गया. तब की सरकारें इस मानसिकता के साथ काम करती थीं कि मैदानी इलाकों में रहने वाले ही मुख्यधारा के लोग हैं.

उन्हें चिंता थी कि सीमा पर घटनाक्रम का इस्तेमाल दुश्मन कर सकता है. इसी संकीर्ण मानसिकता के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों तक विकास नहीं पहुंच सका. अब स्थिति बदल गई है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार देश की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. उन्‍होंने यह भी कहा कि सीमाओं की रक्षा के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा और इसमें सबका सहयोग भी मिल रहा है.

रक्षामंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए बीआरओ की जमकर सराहना की. साथ ही संगठन का पर्यावरण के अनुकूल अधिकतम राष्ट्रीय सुरक्षा और कल्याण के मंत्र के साथ काम करने का आह्वान भी किया. उन्‍होंने आगे कहा कि बीआरओ सड़क, पुल आदि का निर्माण करके दूरदराज के इलाकों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ रहा है.

साथ ही दूरदराज के गांवों में रहने वाले लोगों के दिलों को बाकी नागरिकों के दिलों से जोड़ रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि सीमांत क्षेत्र की परियोजनाओं को समय पर पूरा करना संगठन की प्रतिबद्धता के कारण संभव हुआ है. बीआरओ के हित में उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा कि सरकार ने सशस्त्र बलों के बराबर बीआरओ के स्थायी नागरिक कर्मियों के लिए जोखिम और कठिनाई भत्ता सुनिश्चित किया है.

श्रमिकों का अनुग्रह मुआवजा दो लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है. हाल ही में सीपीएल के लिए 10 लाख रुपये के बीमा प्रविधान को मंजूरी दी गई. ये कदम सशस्त्र बलों के कर्मियों, नागरिक कर्मचारियों और बीआरओ में सीपीएल के मनोबल को बढ़ाने में मदद करेंगे. इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बीआरओ के जवानों से मिलकर उनका मनोबल भी बढ़ाया. उन्होंने उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को निकालने में बीआरओ के योगदान का विशेषतौर पर उल्लेख किया.

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