Delhi High Court ने फ्रांसीसी पत्रकार की याचिका पर जारी किया नोटिस, सात दिनों में मांगा जवाब

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Delhi High Court: दिल्‍ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा भारत में पत्रकारिता गतिविधियों को चलाने की अनुमति देने से इनकार करने के खिलाफ फ्रांसीसी पत्रकार वैनेसा डौगनैक की याचिका पर गृह और विदेश मंत्रालय से जवाब मांगा है. गृह और विदेश मंत्रालय को न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने एक सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 12 मार्च तय की है.

सात दिनों में मांगा जवाब

कोर्ट ने कहा कि यह मामला ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया कार्ड धारक के अधिकारों से जुड़ा है और इसलिए इस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है. यह याचिका वकील वृंदा भंडारी, आनंदिता राणा, प्रज्ञा बरसैयां और माधव अग्रवाल के माध्यम से दायर की गई है. याची डौग्नैक ने 14 सितंबर 2022 को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी है, जिसमें भारत में पत्रकारिता गतिविधि शुरू करने के लिए ओसीआई गतिविधि की अनुमति के लिए उसके आवेदन को खारिज कर दिया गया था.

उन्होंने केंद्र सरकार को उनकी ओसीआई गतिविधि अनुमति को बहाल करने और लागू कानून और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के अनुसार निर्णय लेने का निर्देश देने की मांग की है. उन्होंने कहा, केंद्र का विवादित आदेश एक सारांश एक-पंक्ति वाला आदेश है, जिसे यांत्रिक तरीके से बिना किसी दिमाग के इस्तेमाल के और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों और उचित प्रक्रिया का पूर्ण उल्लंघन करते हुए पारित किया गया है.

केंद्र द्वारा पत्रकार को जारी किया गया था कारण बताओ नोटिस

केंद्र द्वारा 18 जनवरी को पत्रकार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था कि भारत की संप्रभुता और अखंडता, सुरक्षा के हित में नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 7 डी (ई) के तहत भारत के और आम जनता के हित में उनका ओसीआई रद्द क्यों नहीं किया जाना चाहिए. याचिका में कहा गया है कि हालांकि पत्रकार ने कारण बताओ नोटिस का जवाब भेजा, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. पत्रकार ने कहा, वह 25 वर्षों से अधिक समय से भारत में रह रही है, उसने एक भारतीय नागरिक से शादी की है और उसका एक बेटा भी है, जो ओसीआई कार्ड धारक है.

याचिका में कहा गया है कि विवादित आदेश अनुपातहीन है और संविधान के उनुच्छेद 19 (1) (ए) और 19(1) (जी) के तहत पत्रकार की बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और उसके पेशे और व्यवसाय को जारी रखने की स्वतंत्रता को अनुचित रुप से प्रतिबंधित करता है.

ये भी पढ़े: Ramlala Darshan Yojana: रामलला के ननिहाल से अयोध्या के लिए आज से चलेगी स्पेशल ट्रेन, सीएम विष्णुदेव दिखाएंगे हरी झंडी

Latest News

Nobel Prize 2024: इस दिन से शुरू होगी नोबेल पुरस्कारों की घोषणाएं, जानिए किस-किस क्षेत्र के लोग होंगे सम्मानित

Nobel Prize 2024: इस समय दुनियाभर के कई देशों में युद्ध का माहौल है साथ ही कई देश शरणार्थी...

More Articles Like This

Exit mobile version