Delhi News: दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता महुआ मोइत्रा की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया, जिसमें ईडी को विदेशी मुद्रा रखरखाव अधिनियम, 1999 (फेमा) के कथित उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ एजेंसी की जांच के संबंध में संवेदनशील और असत्यापित जानकारी मीडिया को लीक करने से रोकने की मांग की गई थी.
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने की और फैसला सुरक्षित रख लिया, जो उन्होंने कहा कि कल सुनाया जाएगा. महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया है कि ईडी फेमा जांच के संबंध में संवेदनशील जानकारी मीडिया को लीक कर रहा है, जिसके संबंध में उन्हें हाल ही में तलब किया गया था. ईडी ने अदालत को बताया कि उसने मीडिया को कोई जानकारी लीक नहीं की है और उसे नहीं पता कि मामले में मोइत्रा को तलब किए जाने के बारे में प्रेस को कैसे बताया गया.
वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन महुआ मोइत्रा की ओर से पेश हुईं और तर्क दिया कि मामले के बारे में जानकारी मीडिया द्वारा समन प्राप्त करने से पहले ही प्रकाशित की गई थी. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मोइत्रा के अधिकारों का उल्लंघन हुआ है. मैं ईडी के जांच के अधिकार के खिलाफ नहीं हूं. मैं कह रहा हूं कि मैं उनके अधिकार क्षेत्र के समक्ष झुकूंगा.
यह मुझे सूचित किए जाने से पहले लीक होने वाली जानकारी के बारे में है. ईडी गोपनीय जानकारी मीडिया को ड्रिप कर रहा है. हालांकि, कोर्ट ने जॉन से पूछा कि मोइत्रा के अदालत में जाने की खबरें अदालत की सुनवाई से पहले ही मीडिया में कैसे प्रकाशित हो गईं. विशेष रूप से, महुआ मोइत्रा ने उन्नीस मीडिया घरानों को अपने मामले में पक्षकार बनाया था और उन्हें उनके खिलाफ किसी भी “असत्यापित, अपुष्ट, झूठी, अपमानजनक सामग्री” को प्रकाशित और प्रसारित करने से रोकने के निर्देश दिए थे.
उन्होंने निर्देश देने की मांग की थी, ताकि ईडी के मामले पर समाचार रिपोर्टिंग ईडी द्वारा जारी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्तियों के अनुरूप हो. मोइत्रा के मामले में मीडिया हाउस पार्टी में एएनआई, बिजनेस टुडे, इकोनॉमिक टाइम्स, फाइनेंशियल एक्सप्रेस, हिंदुस्तान टाइम्स, इंडिया टीवी, इंडियन एक्सप्रेस, मिंट, मनीकंट्रोल, एनडीटीवी, टाइम्स ग्रुप और अन्य शामिल थे.
ये भी पढ़े: Byju पर ED का शिकंजा, लुकआउट सर्कुलर किया जारी, सामने आई ये वजह