Delhi: यमन में भारत के केरल राज्य की नर्स निमिषा प्रिया को मौत की सजा सुनाई गई है. यमन के सुप्रीम कोर्ट ने एक नागरिक की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई है. अब इस मामले में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी अपना बयान जारी कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
मंगलवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पूरे मामले पर अपना रुख सामने रखा है. विदेश मंत्रालय ने हरसंभव कानूनी मदद उपलब्ध कराने की बात कही हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह यमन में मौत की सजा का सामना कर रही एक भारतीय नर्स के मामले में आवश्यक विकल्प तलाशने के लिए हर संभव मदद कर रहा है.
प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने दिया जवाब
भारतीय विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हम यमन में निमिषा प्रिया की सजा के बारे में जानते हैं. हम समझते हैं कि प्रिया का परिवार प्रासंगिक विकल्प खोज रहा है. सरकार इस मामले में हरसंभव मदद कर रही है.”
निमिषा प्रिया के बारे में…
भारतीय नर्स निमिषा प्रिया केरल की रहने वाली हैं. वह यमन के सना में साल 2011 से काम कर रही हैं. जुलाई 2017 में निमिषा को यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या मामले में दोषी ठहराया गया था. साल 2018 में निमिषा प्रिया को मौत की सजा सुनाई गई. निमिषा ने अपनी सजा के खिलाफ वर्षों तक लड़ाई लड़ी है. उनके परिवार ने उनकी रिहाई के लिए काफी कानूनी और कूटनीतिक प्रयास किए हैं. अब यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने निमिषा प्रिया के लिए मौत की सजा को मंजूरी दे दी है. कथित तौर पर एक महीने के अंदर ही निमिषा को फांसी दी जाएगी.
निमिषा प्रिया अपने पति और बेटी के साथ यमन में रह रही थी. साल 2016 में यमन में गृहयुद्ध के वजह से देश से बाहर आने-जाने पर पाबंदी लग गई. हालांकि उससे 2 साल पहले यानी 2014 में निमिषा के पति और बेटी भारत आ गए थे. वहीं दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर याचिका में दावा किया गया था कि महदी ने नर्स को शारीरिक और आर्थिक तौर पर प्रताडि़त किया था. उसका पासपोर्ट कब्जे में ले रखा था.
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