दिल्ली की राजनीति में मची हलचल, कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी से दिया इस्तीफा

Divya Rai
Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Kailash Gehlot Resigns: राजनीति की दुनिया के इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है. दिल्ली के मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता कैलाश गहलोत ने पार्टी और पद से इस्तीफा दे दिया है, जिससे राजनीति में हलचल मच गई है. गहलोत ने इस्तीफा देते हुए राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को पत्र भी लिखा है.

गहलोत ने लिखा केजरीवाल को पत्र

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस्तीफा देने के साथ-साथ अरविंद केजरीवाल को पत्र भी लिखा है. गहलोत ने पत्र में लिखा- “शीशमहल जैसे कई शर्मनाक और अजीबोगरीब विवाद हैं, जो अब सभी को संदेह में डाल रहे हैं कि क्या हम अभी भी आम आदमी होने में विश्वास करते हैं? अब यह स्पष्ट है कि अगर दिल्ली सरकार अपना अधिकांश समय केंद्र से लड़ने में बिताती है तो दिल्ली के लिए वास्तविक प्रगति नहीं हो सकती. मेरे पास AAP से अलग होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है और इसलिए मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं.”

गहलोत ने उठाया शीशमहल और यमुना का मुद्दा

इतना ही नहीं, कैलाश गहलोत ने ‘शीशमहल’ और यमुना में बढ़ते प्रदूषण का भी मुद्दा उठाया है. कैलाश गहलोत ने AAP पर आरोप लगाया कहा कि जिस ईमानदार राजनीति के चलते पार्टी में वह आए थे, ऐसा अब हो नहीं रहा है. उन्होंने अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास को ‘शीशमहल’ करार देते हुए कई आरोप लगाए हैं. इसके साथ ही उन्होंने यमुना में बढ़ते प्रदूषण को लेकर भी दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया है.

 

आज आम आदमी पार्टी के सामने गंभीर चुनौतियां हैं

कैलाश गहलोत ने आगे लिखा, “अरविंद केजरीवाल जी, मैं आपको सबसे पहले एक विधायक और एक मंत्री के रूप में दिल्ली के लोगों की सेवा करने और उनका प्रतिनिधित्व करने का सम्मान देने के लिए ईमानदारी से धन्यवाद देना चाहता हूं. हालांकि, साथ ही मैं यह भी कहना चाहता हूं कि आज आम आदमी पार्टी के सामने गंभीर चुनौतियां हैं. अंदरूनी चुनौतियां, उन मूल्यों तक जो हमें एक साथ लाए थे, राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं लोगों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता से आगे निकल गई हैं, जिससे कई वादे अधूरे रह गए हैं.”

यमुना नदी शायद पहले से भी अधिक प्रदूषित हो गई

गहलोत ने पत्र में लिखा, “यमुना को हमने स्वच्छ नदी में बदलने का वादा किया था, लेकिन कभी ऐसा नहीं कर पाए. अब यमुना नदी शायद पहले से भी अधिक प्रदूषित हो गई है. इसके अलावा, अब ‘शीशमहल’ जैसे कई शर्मनाक और अजीब विवाद हैं, जो अब सभी को संदेह में डाल रहे हैं कि क्या हम अभी भी आम आदमी होने पर विश्वास करते हैं? एक और दुखद बात यह रही है कि लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय हम केवल अपने स्वयं के राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रहे हैं. अब यह स्पष्ट है कि अगर दिल्ली सरकार अपना अधिकांश समय केंद्र से लड़ने में बिताती है तो दिल्ली का वास्तविक विकास नहीं हो सकता.”

AAP से अलग होने के अलावा कोई विकल्प नहीं

गहलोत ने आगे लिखा, “मैंने अपनी राजनीतिक यात्रा दिल्ली के लोगों की सेवा करने की प्रतिबद्धता के साथ शुरू की थी और मैं इसे जारी रखना चाहता हूं. यही कारण है कि मेरे पास AAP से अलग होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है और इसलिए मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं. मैं आपके स्वास्थ्य और भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं. मैं इस यात्रा के दौरान अपनी पार्टी के सभी सहयोगियों और शुभचिंतकों को उनकी शुभकामनाओं और दयालुता के लिए धन्यवाद देता हूं.”

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