Gonda Train Accident: 18 जुलाई को गोंडा जिले में बड़ा हादसा हुआ. दरअसल, चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रही 15904 डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतर गई. ट्रेन के 10 कोच पटरी से उतर गए. इस हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई और 27 लोग घायल हो गए हैं. इस घटना के बाद ट्रेन हादसे को रोकने के लिए सुरक्षा कवच सिस्टम लगाने की मांग को लेकर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है.
याचिका में भारतीय रेल यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर कवच सिस्टम लगाने की मांग की गई है. साथ ही रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में विशेषज्ञ कमेटी बनाकर पूरे देश मव रेल यात्रियों के जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई है. गोंडा रेल हादसे के बाद कवच सिस्टम की मांग उठने लगी है.
कवच सुरक्षा की मांग वाली याचिका का पहले हो चुका है निपटारा
बता दें, अप्रैल 2024 में सुप्रीम कोर्ट कवच सुरक्षा की मांग वाली याचिका का निपटारा कर दिया था. उस समय रेलवे ने अदालत में कहा था कि वो कवच सिस्टम को लागू करने को लेकर कदम उठा रहे हैं. याचिका में ओडिसा के बाद हुई रेल दुर्घटनाओं और यात्रियों की जान माल का हवाला देते हुए एससी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गई है. यह याचिका एससी के वकील विशाल तिवारी की ओर से दायर की गई है. सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता ने आश्वासन के बावजूद रेलवे कि ओर से कवच सिस्टम लागू करने और यात्रियों कि जानमाल के मद्देनजर कदम उठाने में देरी को याचिका में आधार बनाया गया है.
क्या होता है कवच सिस्टम
बता दें कि कवच एक ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम है, जिसे भारतीय रेलवे ने आरडीएसओ के जरिए विकसित किया है. रेलवे ने कवच सिस्टम पर साल 2012 में काम करना शुरू किया था. कवच टेक्नोलॉजी इस तरह काम करती है कि ट्रेन आपस में न भिड़े, ट्रेनों को आपस में भिड़ने से रोका जाए. इस तकनीक में अगर ट्रेन सिग्नल को जंप कर देती है, तो वो खुद रुक जाती है. हालांकि, यह सिस्टम अभी सभी ट्रेनों तक नहीं पहुंच पाया है.