Dhar Bhojshala ASI Survey: एमपी के धार स्थित भोजशाला के ASI सर्वे का आज दूसरा दिन है. सर्वे की टीम सुबह से ही भोजशाला में मौजूद है. सुरक्षा को देखते हुए परिसर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात हैं. वहीं, शुक्रवार को हुए सर्वे पर कमाल मौलानाउद्दीन वेलफेयर सोसाइटी के प्रेसिडेंट अब्दुल समद ने आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि आज से नए सिरे से सर्वे हो.
हाईकोर्ट के आदेश के बाद शुरू हुआ सर्वे
दरअसल, हाई कोर्ट की इंदौर बैंच के आदेश के बाद ASI की टीम भोजशाला का सर्वे कर रही है. भोजशाला में शुक्रवार से सर्वे शुरू है. पहले दिन करीब 6 घंटे तक भोजशाला का सर्वे किया था. वहीं मुस्लिम पक्ष ने इसे रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. अब इस मामले में 1 अप्रैल को सुनवाई होनी है. वहीं, आज दूसरे दिन भी भोजशाला का सर्वे जारी है.
नए सिरे से शुरू हो सर्वे
आपको बता दें कि धार स्थित भोजशाला के सर्वे का दूसरा दिन है. मुस्लिम समाज के सदर और समाज की ओर से पक्षकार अब्दुल समद ने कहा कि हमें इस सर्वे को लेकर कोई नोटिस नहीं दिया गया. मेरी तबीयत खराब थी, मैं हॉस्पिटल में एडमिट था. हमें मौका ही नहीं दिया गया और बिना जानकारी ही सर्वे शुरू कर दिया गया. ये गलत है. हाईकोर्ट ने कहा है कि दोनों पक्षों की मौजूदगी में सर्वे हो, तो जब एक पक्ष है ही नहीं तो फिर सर्वे क्यों किया गया? हमारी मांग हैं कि आज नए सिरे से सर्वे शुरू हो. अब्दुल समद ने कहा कि हमने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है कि अचानक नए सर्वे की क्या जरुरत है, जब पुराना सर्वे मौजूद है.
जानिए क्या है विवाद
धार जिले में स्थित ऐतिहासिक भोजशाला परिसर को हिन्दू संगठन वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर मानते हैं, हिंदुओं का मानना है कि राजवंश के शासनकाल के दौरान कुछ समय के लिए मुसलमानों को भोजशाला में नमाज की अनुमति मिली थी. जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला की मस्जिद बताते हैं. हाई कोर्ट की इंदौर पीठ ने 11 मार्च को सुनाए आदेश में कहा था, ‘‘ इस अदालत ने केवल एक निष्कर्ष निकाला है कि भोजशाला मंदिर-सह-कमाल मौला मस्जिद परिसर का जल्द से जल्द वैज्ञानिक सर्वेक्षण और अध्ययन कराना एएसआई का संवैधानिक और कानूनी दायित्व है.” हालांकि कोर्ट के आदेश के बाद अब सर्वे होगा, जिसके बाद स्थिति साफ हो जाएगी.
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