Drishti-10 Drone: अदानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने भारतीय नौसेना को बुधवार को दृष्टि-10 ड्रोन का दूसरा यूनिट डिलीवर कर दिया. यह एक स्टारलाइनर निगरानी ड्रोन है. दृष्टि-10 ड्रोन के मिलने से भारत की समुद्री सेना की शिपिंग लाइनों की निगरानी करने और समुद्री डकैती के खतरे को कम करने की क्षमता में इजाफा हो गया है. बता दें कि इससे पहले कंपनी ने इस साल की शुरुआत में पहला दृष्टि-10 ड्रोन भारतीय नौसेना को सौंपा था.
ड्रोन की क्षमता 450 किलोग्राम पेलोड की
खबर के अनुसार, अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस की हैदराबाद फैसिलिटी में यह ड्रोन एक एडवांस खुफिया, निगरानी और टोही प्लेटफॉर्म पर बना है. इसकी क्षमता 450 किग्रा पेलोड की है, जबकि यह 36 घंटे की धैर्य क्षमता रखता है. दृष्टि 10 ड्रोन एक फोर्स मल्टीप्लायर है जो इंडियन नेवी को विशाल समुद्री क्षेत्रों की निगरानी करने और यूनीक परिस्थिति में जागरूक रखने की क्षमता से युक्त है.
इतने ऊंचाई पर उड़ने की क्षमता
यह ड्रोन एक तरह का मानव रहित हवाई वाहन है जो 10 हजार से 30 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ने में सक्षम है. इसकी उड़ान क्षमता 24 से 48 घंटे तक की हो सकती है. अडानी डिफेंस ने पहले भी भारतीय सेना को दृष्टि-10 स्टारलाइनर सौंपा था. साल 2024 की शुरुआत यानी जनवरी में पहला दृष्टि-10 स्टारलाइनर भारतीय नौसेना को मिला था.
भारतीय सेना, जिसने ऐसे दो ड्रोन का ऑर्डर दिया है, पहले ड्रोन को पंजाब में अपने भटिंडा बेस पर तैनात करेगी, जहां से वह पाकिस्तान के साथ पूरी पश्चिमी सीमा की निगरानी कर सकती है. इसने भारतीय नौसेना और भारतीय सेना द्वारा पोरबंदर और भटिंडा में अपने उड़ान संचालन के माध्यम से अहम मील के पत्थर हासिल किए हैं.
एक से अधिक उपलब्धियों का प्रतीक दृष्टि 10 स्टारलाइनर
दृष्टि 10 स्टारलाइनर एक से अधिक उपलब्धियों का प्रतीक है. यह भारत के रक्षा भविष्य के लिए एक बड़े दृष्टिकोण को दिखाता है. तीन वर्ष से भी कम समय में, अदानी डिफेंस ने वह मुकाम पा लिया है, जो पारंपरिक रूप से उद्योग में 5 से 6 साल लगते हैं. इंडियन आर्मी और इंडियन नेवी दोनों को मानव रहित हवाई वाहन क्षमताएं दी हैं.
ये भी पढ़ें :- 5 साल में ईपीएफओ निवेश कोष ने रचा इतिहास, 24.75 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा