Earthquakes In 2023: साल 2023 भूकंप के मामले में काफी खतरनाक साबित हुआ है. साल के शुरूआती महीने में ही भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. कुछ आंकड़ों के अनुसार, 2023 में 124 बार भूकंप आए हैं. 5.8 की तीव्रता से जनवरी की शुरूआत हुई. 6.2 तीव्रता के भूकंप (Earthquakes In 2023) के झटके अक्टूबर महीने में महसूस किए गए थे. वहीं, नवंबर में 6.4 तीव्रता का भूकंप विनाशकारी था. तीनों ही भूकंप के झटके ने नेपाल में भारी तबाही मचाई थी.
पिछले 4 वर्षों के आंकड़ों को देखा जाए तो साल 2020 से लेकर 2023 तक भूकंप की सबसे अधिक घटनाएं इस साल हुई हैं. 61 बार भूकंप के झटके 2022 में महसूस किए गए. 60 बार 2021 में और 65 बार 2022 में.
साल 2023 में सबसे अधिक कांपी धरती
साल 2023 में 124 बार धरती कांपी है. 124 में से 97 भूकंप 3-3.9 तीव्रता के थे. वहीं, 21 झटके 4 से 4.9 तीव्रता के थे. 4 झटके 5-5.9 तीव्रता वाले थे. 2 विनाशकारी झटके 6-6.9 तीव्रता के थे.
इस तीव्रता के झटके होते हैं खतरनाक
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मेजर की जाती है. जिसमें 2 से नीचे तीव्रता का भूकंप महसूस नहीं किया जा सकता है. 2-2.9 के झटके को हल्का महसूस कर सकते हैं. वहीं, 3-4.9 तीव्रता के भूकंप थोड़े तेज होते हैं. 5 से ज्यादा तीव्रता के भूकंप से कुर्सी, बेड, पंखे हिलने लगते हैं. वहीं, भूकंप की तीव्रता अगर 6 है तो ये बेहद विनाशकारी होते है. 7-8 तीव्रता के झटके इमारतों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. तुर्की में 7.5-7.8 तीव्रता के झटके कई बार महसूस किए गए थे. इस भूकंप ने हजारों लोगों की जान ले ली.
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क्यों 2023 में आए इतने भूकंप?
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रीजीजू ने लोकसभा में बताया कि इस साल सबसे ज्यादा भूकंप के झटके अल्मोड़ा फॉल्ट के कारण आए. उन्होंने बताया कि उत्तर भारत और नेपाल में इतनी बार भूकंप आने का कारण है पश्चिमी नेपाल में अल्मोड़ा फॉल्ट के सक्रिय होना. किरेन रिजीजू ने लिखित उत्तर में इस बात की जानकारी दी कि यही वजह है कि साल 2023 में 24 जनवरी (5.8 तीव्रता), 3 अक्तूबर (6.2 तीव्रता), 3 नवंबर (6.4 तीव्रता) को ऐसे झटके आए.