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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
देश की नदियों में डॉल्फिन का पहला सर्वे जारी हुआ है. इसके अनुसार, देश में गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदी तंत्र में 6324 डॉल्फिन हैं और इनमें सबसे अधिक 2,397 यूपी में हैं. इसके बाद बिहार में 2,220 और पश्चिम बंगाल में 815 डॉल्फिन पाई गईं. अन्य राज्यों में असम में 635, झारखंड में 162, जबकि राजस्थान और मध्य प्रदेश में 95 डॉल्फिन दर्ज की गईं.
पंजाब में इनकी संख्या सबसे कम रही, जहां केवल 3 डॉल्फिन पाई गईं. सोमवार को विश्व वन्यजीव दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पहले सर्वे की रिपोर्ट जारी की. यह सर्वेक्षण आठ राज्यों की 28 नदियों में फैले 8,507 किलोमीटर के क्षेत्र में किया गया. गंगा नदी की डॉल्फिन, जो अपनी अनूठी विशेषताओं के लिए जानी जाती है, भारत, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान में गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना नदी प्रणाली और इसकी सहायक नदियों में पाई जाती है. भारत में सिंधु नदी प्रणाली में गंगा नदी की डॉल्फिन की एक छोटी आबादी पाई जाती है, जो गंगा नदी डॉल्फिन की एक करीबी रिश्तेदार है.
‘प्रोजेक्ट डॉल्फिन’ के हिस्से के रूप में आठ राज्यों – उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम और पंजाब में नदी डॉल्फिन की आबादी का अनुमान लगाने के लिए पहली बार एक व्यापक सर्वेक्षण किया गया था. भारत में नदी में पाई जाने वाली डॉल्फिन की जनसंख्या स्थिति रिपोर्ट के मुताबिक, यह विश्व के सबसे बड़े ताजे पानी के सर्वेक्षणों में से एक है, जिसमें गंगा और ब्रह्मपुत्र में गंगा नदी डॉल्फिन की संपूर्ण शृंखला व व्यास नदी में सिंधु नदी डॉल्फिन को शामिल किया गया है.
सर्वेक्षण में 6,324 गंगा नदी डॉल्फिन (रेंज: 5,977-6,688) और तीन सिंधु नदी डॉल्फिन होने का अनुमान लगाया गया. ये दोनों स्वस्थ नदी पारिस्थितिकी तंत्र के जैव-सूचक मानी जाती हैं. हालांकि, ये प्रजातियां संकटग्रस्त श्रेणी में आती हैं और इन्हें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची में सूचीबद्ध किया गया है.