Farmers Protest: शंभू बॉर्डर पर बिगड़े हालात, जमा भीड़ पर पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

Abhinav Tripathi
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Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Farmers Protest: किसानों का दिल्ली मार्च धीरे धीरे उग्र रूप लेते जा रहा है. आज जब पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर से किसान दिल्ली में प्रवेश के लिए आगे बढ़े तो पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया. इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच काफी तनातनी देखने को मिली है. ऐसे में किसानों के नहीं रूकने पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले छोड़े जाने के बाद किसानों ने जबरदस्त हंगामा किया.

समाचार एजेंसी एएनआई से मिली जानकारी के अनुसार प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पर आंसू गैस ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है. पुलिस ने इससे पहले ड्रोन से आंसू गैस छोड़ने का मॉक ड्रिल किया था.

मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार शंभू बॉर्डर पहुंचे नौजवानों ने बैरिकैड्स को मौके से उठाया, इस दौरान पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की है. पुलिस ने किसानों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले को छोड़ा है. हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर किसानों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. हरियाणा पुलिस ने कहा है कि जब तक किसानों नेता नहीं आ जाते हैं, किसी को आगे बढ़ने नहीं दिया जाएगा. पुलिस ने बताया कि अगर किसी को एसपी या डीसी से बात करनी हो, तो इस “9729990500’ नंबर पर सपंर्क कर सकता है.

नौजवानों ने मुंह पर बांधा रुमाल

जानकारी दें कि जिन लोगों ने बैरिकेडिंग को तोड़ने का प्रयास किया है, उनमें अधिकतर नौजवान हैं. कई नौजवानों ने मुंह पर रुमाल बांधे हुए हैं. आंसू गैस के असर से बचने के लिए यह इंतजाम प्रदर्शनकारियों की तरफ से किए गए हैं. प्रदर्शनकारियों ने मौके पर पानी के टैंकर भी रखे हैं, जिससे आंसू गैस का असर कम किया जा सके. बता दें कि शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने करीब 15-20 मिनट तक टियर गैस के गोले छोड़े हैं. इसके कारण किसान मौके से करीब 100 मीटर पीछे चले गए हैं.

कांग्रेस ने किसानों का किया समर्थन

जानकारी दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने किसानों के प्रदर्शन पर कहा, “पूरा बॉर्डर सील कर दिया गया है जैसे ये कोई दुश्मन देशों का बॉर्डर हो. हरियाणा-पंजाब, दिल्ली से सटे राजस्थान और उत्तर प्रदेश से सटे दिल्ली के पड़ोसी जिलों में इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं वो भी तब जब बोर्ड पेपर सर पर हैं. दिल्ली के चारों तरफ के जिलो में मौखिक हिदायत दी गई है कि किसी किसान के ट्रैक्टर में 10 लीटर से ज्यादा डीज़ल ना डाला जाएगा. चौतरफा जुल्म का आलम है. अन्नदाता किसानों की हुंकार से डरी हुई मोदी सरकार एक बार फिर 100 साल पहले अंग्रेज़ों द्वारा दमनकारी 1917 के बिहार के चंपारण किसान आंदोलन, खेड़ा आंदोलन की याद दिला रही है.”

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