Madhu Became First Transgender Daroga: बिहार पुलिस सेवा आयोग (BPSSC) ने मगंलवार, 9 जुलाई को दारोगा भर्ती परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया. दरोगा पद पर बहाली के लिए कुल 1275 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, जिसमें तीन ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं. इसके साथ ही बिहार देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां दरोगा पद के लिए तीन ट्रांसजेंडर चुने गए हैं. बिहार के भागलपुर की रहने वाली मानवी मधु कश्यप देश की पहली ट्रांसजेंडर दरोगा बनकर इतिहास रच दिया हैं. बता दें कि इन तीन ट्रांसजेंडर दारोगा में दो ट्रांसमेन और एक ट्रांसवुमन है. मानवी देश की पहली ट्रांसजेंडर दरोगा ट्रांसवुमन हैं.
देश की पहली ट्रांसजेंडर दारोगा मानवी
मानवी मधु बिहार के भागलपुर के एक गांव की रहने वाली हैं. उन्होंने अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय अपने शिक्षकों, माता-पिता और बिहार की समाजसेवी रेशमा प्रसाद को दिया. बता दें कि रेशमा पटना यूनिवर्सिटी में सीनेट सदस्य बनने वाली पहली ट्रांसजेंडर हैं. मानवी का मानना है कि किसी भी ट्रांसजेंडर के लिए यहां तक पहुंचना आसान बात नहीं है. यहां तक का सफर कठिनाइयों और चुनौतियों से भरा है. मानवी ने कहा कि यदि उनके शिक्षकों और माता-पिता ने उनका साथ नहीं दिया होता तो यह सब कभी संभव नहीं होता.
समाज के ताने से छोड़ना पड़ा घर
मानवी को समाज में रहने में उन्हें कई तरह की परेशानियों को सामना करना पड़ा. लोगों की प्रताड़ना के कारण वो साल 2014 में अपना घर छोड़कर बाहर निकल गई. दारोगा बनने की चाह में मानवी मधु 2022 में पटना पहुंच गई. यहां भी इनकी परेशानी कम नहीं रही, वो कहती हैं कि कोई अपनी कोचिंग में जगह देने के लिए तैयार नहीं था. अंत में वो गुरु रहमान के पास पहुंची और उन्होंने इनका हौसला बढ़ाया. गुरू रहमान ने मानवी के साथ दो अन्य ट्रांसजेंडर को भी दारोगा बनाने में पूरी मदद की.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी धन्यवाद दिया
उन्होंने बताया कि जब वो पटना में रहकर तैयारी कर रही थीं, तब उनकी मां उनसे छिपकर मिलने आया करती थीं. दारोगा की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वो वर्दी पहनकर अपने गांव जाने और अपनी मां और परिवार के लिए सम्मान और गर्व का पल जीने के लिए बेताब हैं. मानवी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी धन्यवाद दिया है.
अपने समाज को दिलाएंगी इज्जत
मानवी का कहना है कि वो दरोगा बनकर अपने समाज के लोगों की सामाजिक स्थिति में सुधार लाने का प्रयास करेंगी. उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर भी ईश्वर की ही देन हैं और उन्हें अलग तरह से देखना उचित नहीं है. ट्रांसजेंडर के प्रति समाज में गलत व्यवहार को देखकर मनु का मन विचलित हो गया था, वो दरोगा बनकर अब अपने समाज के लोगों को इज्जत दिलाना चाहती हैं और ट्रांसजेंडर के प्रति लोगों के व्यवहार को बदलना चाहती है.
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