Foreign Devotees at Kumbh Mela: कल 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा स्नान के सफल समापन के बाद आज मंगलवार को ‘शाही स्नान’ शुरू हो चुका है, जिसे सरकार ने ‘अमृत स्नान’ का नाम दिया है. इस अमृत स्नान में अब तक 1 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई है. इस अलौकिक मेले में विदेशी श्रद्धालुओं ने भी हिस्सा लिया और उन्होंने भारतीय संस्कृति को लेकर अपने अनुभव और विचार व्यक्त किए.
‘ये अनुभव शब्दों में नहीं बताया जा सकता’
महाकुंभ में स्नान के लिए रूस से आई एक महिला ने कहा, “मैं रूस से आई हूं, लेकिन मैं ऑस्ट्रिया से फ्लाइट से यहां आई थी. मैं यूरोप में काम करती हूं और भारत को लेकर मेरे मन में बहुत सम्मान है. ये मेरा कुंभ मेला में पहला अनुभव है और यह बहुत बड़ा मेला है इसलिए हम यहां आने के लिए बहुत एक्साइटेड थे. महिला ने कहा कि यहां आकर मुझे भारत का असली रूप देखने को मिला और भारतीय लोग जो ऊर्जा और शक्ति रखते हैं वह बहुत प्रेरणादायक है. यहां हजारों लोग एक साथ हैं और यहां की ऊर्जा मुझे शेक कर रही है ये अनुभव शब्दों में नहीं बताया जा सकता.”
‘मैं बहुत धन्य महसूस कर रही हूं’
गंगा स्नान के बाद एक और विदेशी महिला ने अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा, “यह बहुत शक्तिशाली अनुभव है, मैं बहुत धन्य महसूस कर रही हूं कि मुझे गंगा में स्नान करने का अवसर मिला. यहां आकर मां गंगा, यमुनाजी और सरस्वती मां को देखना बहुत खूबसूरत था. ये एक आशीर्वाद है. इस मेले का आयोजन बहुत अच्छा है सड़कें साफ-सुथरी हैं और लोग बहुत मिलनसार हैं”. उन्होंने भारत के सम्मान में “मेरा भारत महान” के नारे भी लगाए.
भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक है महाकुंभ
सनातन धर्म को लेकर इन विदेशी महिलाओं इतना सम्मान ये दर्शाता है कि महाकुंभ में गंगा स्नान केवल भारतियों के लिए, बल्कि विदेशी श्रद्धालुओं के लिए भी एक अद्भुत अनुभव है. कुंभ मेला धार्मिक दृष्टिकोण के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक भी है.