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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारत में पेट्रोलियम की कीमतें दुनिया में सबसे कम हैं. पिछले कुछ वर्षों में देश में ईंधन की कीमतें वास्तविक रूप से कम हुई हैं. उक्त बातें केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कही. हरदीप सिंह पुरी ने वैश्विक तेल आपूर्ति पर बोलते हुए कहा, अब अधिक तेल अमेरिका, ब्राजील, गुयाना, सूरीनाम और कनाडा जैसे देशों से आ रहा है. उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कोई कमी नहीं है और मौजूदा समय में 40 देशों से आपूर्ति भारत को मिल रही है. पहले इनकी संख्या 27 थी. अगर और देश इसमें जुड़ना चाहते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे। इससे तेल की कीमतों को कम रखने में मदद मिलेगी.
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आगे कहा,पेट्रोलियम की कीमतें बीते तीन वर्षों में कम हुई हैं. उन्होंने कहा कि पेट्रोल की कीमतों में -0.67% की कमी दर्ज की गई है. हालांकि, डीजल की कीमतों में 1.15% की वृद्धि दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम की कीमत में गिरावट से सरकार को कोई वित्तीय फायदा नहीं हुआ है. बल्कि सरकार ने तेल कंपनियों को 22,000 करोड़ रुपये की राहत दी है. हरदीप सिंह पुरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में हुई आर्थिक प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 2014 में भारत 10 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और साथ ही पांच सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में शामिल था. उस समय देश विकास के लिए विदेशी निवेश पर अधिक निर्भर था.
हरदीप सिंह पुरी ने आगे कहा, पीएम मोदी के कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी सुधार आया है और देश दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. जल्द ही भारत 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा. फिच रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया कि चालू वित्त वर्ष में भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग तीन से 4% बढ़ सकती है. रिपोर्ट में बताया गया कि भारतीय ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के रिफाइनरी मार्जिन वित्त वर्ष 25 में गिर सकते हैं. इसकी वजह अधिक आपूर्ति और कच्चे तेल में उतार-चढ़ाव के होने वाले फायदे का कम होना है.