पुणे में तेजी से पैर पसार रही ये बीमारी, इससे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट की गई थी जान, जानिए

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

GBS in Pune: महाराष्ट्र के पुणे में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के काफी तेजी से पैर पसार रहा है. जीबीएस के बढ़ते मामलों से लोगों में दहशत फैल गई है. पुणे में एक हफ्ते के अंदर ही GBS नामक बीमारी ने 100 से अधिक लोगों को अपने चपेट में ले लिया है. 16 मरीज वेंटिलेटर पर है, वहीं सोलापुर जिले में इस बीमारी से एक  व्यक्ति की मौत हो गई है. स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से महाराष्ट्र में मौत का ये संभवत: पहला केस है. अधिकारियों के मुताबिक, मृतक व्यक्ति को पुणे में संक्रमण हुआ था और उसने बाद में सोलापुर की यात्रा की थी.

पुणे में GBS से कैसे हैं हालात?

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने बताया है कि पुणे में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के कुल मामलों की संख्या बढ़कर रविवार को 101 पहुंच गई है. इस बीमारी से संक्रंमित लोगों में 68 पुरुष और 33 महिलाएं हैं. इनमें से 16 मरीज वेंटिलेटर पर हैं, जबकि एक पीडि़त की सोलापुर में मौत हो गए है.

इस जानलेवा बीमारी की वजह से पुणे में रैपिड रेस्पांस टीम और नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से प्रभावित सिंहगढ़ रोड के इलाकों में संक्रमण के मामलों पर नजर बनाए हुए हैं. अधिकारियों के अनुसार, अब तक 25,578 घरों का सर्वे किया गया है.

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट की हुई थी मौत

गुइलेन-बैरे सिंड्रोम बीमारी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ग्‍लोबल लेवल पर इससे प्रभावित लोगों में से करीब 7.5 प्रतिशत लोगों की जान चली जाती है. इस बीमारी से अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति फ्रैंकलिन डी रुजवेल्‍ट की जान चली गई थी. रूजवेल्ट को लकवा मार दिया था और उनके कमर के नीचे का हिस्सा काम करना बंद कर दिया था. पहले माना गया कि यह पोलिया के वजह से हुआ है. हालांकि, बाद में रिसर्च में पता चला कि रूजवेल्‍ट की मौत  गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के वजह से हुई.

क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?

दरअसल, गुइलेन-बैरे सिंड्रोम एक ऑटोइम्‍यून न्‍यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है. इसमें हमारा इन्‍यून सिस्‍टम अपनी ही नर्व्‍स पर अटैक करता है.  इसके वजह से शरीर के हिस्से अचानक सुन्न पड़ जाते हैं और मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं. लोगों को उठने-बैठने और चलने तक में समस्‍या होने लगती है. यहां तक की सांस लेने में भी परेशानी होती है. लकवा की समस्‍या भी इस बीमारी का लक्षण है. डॉक्टरों के अनुसार, जीबीएस का कारण आम तौर पर जीवाणु और वायरल संक्रमण हैं. ये मरीजों की इम्‍यून सिस्‍टम को कमजोर कर देते हैं.

ये भी पढ़ें :- ‘मेरी शादी टूट गई, नौकरी गई…’, Saif Ali Khan अटैक मामले में हिरासत में लिए गए युवक की जिंदगी बर्बाद

More Articles Like This

Exit mobile version