Ghaziabad Name Changed: प्रदेश में योगी सरकार के गठन के बाद से कई शहरों के नाम बदले गए हैं. अब इस कड़ी में एक और नाम जुड़ेने जा रहा है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के जिले गाजियाबाद का नाम बदला जा सकता है. हालांकि ये कोई पहली बार नहीं है जब गाजियाबाद के नाम को बदलने की चर्चा की जा रही हो. कल यानी सोमवार को निगर निगम की बोर्ड मीटिंग में शहर के नाम बदलने को लेकर चर्चा की गई.
ये पहली बार था जब बैठक में नाम बदलने को लेकर चर्चा की गई और टेबल पर कई वैकल्पिक नाम भी सुझाए गए. बोर्ड की बैठक में बीजेपी के एक पार्षद ने एनसीआर के इस जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा. माना जा रहा है कि अब प्रस्ताव को आगे बढ़ाया जा सकता है.
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गाजियाबाद का बदलेगा नाम?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस मामले को लेकर मेयर सुनीता दयाल ने कहा कि एक बार बोर्ड इस प्रस्ताव पर सहमति जताता है तो इसे राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा. अगर राज्य सरकार से इसे स्वीकृति मिलती है तो इसको अंतिम मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास जाएगा. जानकारी दें कि काफी लंबे समय से हिंदू संगठन गाजियाबाद के नाम को बदलने की मांग कर रहे हैं.
जानिए गाजियाबाद शहर का पुराना नाम
आपको बता दें इलाहाबाद का नाम जब बदलकर प्रयागराज किया गया, उस समय से NCR के इस डिस्ट्रिक्ट के लिए भी बदलाव की मांग ने जोर पकड़ लिया. काफी समय पहले से बीजेपी के तमाम नेता गाजियाबाद का नाम बदलने की मांग कर रहे हैं. मुगल शासन काल में गाजीउद्दीन के नाम पर इस शहर की स्थापना की गई थी. शहर की स्थापना 1740 में की गई थी. शुरुआती नाम गाजीउद्दीन नगर था.
अगर गाजियाबाद के सरकारी वेबसाइट पर देखें तो जानकारी दी गई है कि इस शहर की स्थापना 1740 में वज़ीर गाज़ी-उद-दीन ने की थी. उस समय इसे गाजीउद्दीन नगर के नाम से जाता था. आपको बता दें कि अगर गाजियाबाद शहर का नाम बदला जाता है तो आखिर इसे किस नाम से जाना जाएगा. माना जा रहा है कि गाजियाबाद शहर का नामकरण महाभारत काल से प्रेरित कोई प्राचीन नाम या हिंडन यानी हरनंदी नदी के नाम पर किया जा सकता है.
गाजियाबाद जिले के बारे में जानिए
उल्लेखनीय है कि 14 नवंबर 1976 से पहले गाजियाबाद, मेरठ जिले की एक तहसील हुआ करती थी. प्रदेश के तत्कालीन सीएम एन. डी. तिवारी ने 14 नवंबर 1976 को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की जयंती पर गाजियाबाद को जिले के रूप में घोषित किया. गाजियाबाद की सीमा दिल्ली से सटी हुई है, इस वजह से उत्तर प्रदेश के मुख्य द्वार के रूप में इसे ‘गेटवे ऑफ यूपी’ कहा जाता है.
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