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Ghaziabad News: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय बुधवार की सांय सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर पहुंचे. यहां उन्होंने भगवान दूधेश्वर का अभिषेक व पूजन-अर्चन किया. भगवान राम, भगवान कृष्ण, भगवान सत्यनारायण सहित अन्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना के बाद उन्होंने सिद्ध समाधियों के दर्शन किए.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज से भी मुलाकात की. महाराजश्री ने उनका स्वागत- अभिनंदन किया. महाराजश्री व चंपत राय में 46 वर्ष का सम्बंध है. दोनों ने एक साथ राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में बढ-चढकर भाग लिया. दोनों ने अपनी पुरानी यादों को ताजा किया.
साथ ही 500 साल की लंबी लड़ाई के बाद अयोध्या में बने प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर को लेकर चर्चा की. चंपत राय ने कहा कि प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या लोगों के खास महत्व रखती है. यह केवल शहर मात्र नहीं है, बल्कि सनातन प्रेमियों के लिए वह नगरी है, जो आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्वों को जोड़े हुए है. मंदिर में रामलला के विराजमान होने के बाद भारत का पूरे विश्व में मान-सम्मान बढा है. अयोध्या नगरी व भव्य राम मंदिर एक बार फिर से भारत को विश्व गुरू के रूप में स्थापित करेंगे.
उन्होंने श्रीमहंत नारायण गिरि की सराहना की और कहा कि वे सनातन धर्म की पताका को पूरे विश्व में फहराने का कार्य कर रहे हैं. महाराज श्री ने कहा कि चंपत राय ने अपना जीवन रामलला के चरणों में समर्पित कर रखा है. इसी कारण लोग उन्हें रामलला का पटवारी भी कहते हैं. राम मंदिर का निर्माण कार्य और प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम चंपत राय की निगरानी में ही हुआ. राम मंदिर निर्माण के लिए चलाए गए आंदोलन से लेकर राम मंदिर के निर्माण तक के सफर में चंपत राय का अहम योगदान रहा है. चंपत राय सुप्रीम कोर्ट में चली राम मंदिर के मुकदमे की सुनवाई में मुख्य पैरोकार एवं पक्षकार रहे हैं. राम जन्मभूमि के पक्ष में महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाने और सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत करने में भी उनकी बड़ी भूमिका रही है.