खुशखबरी! छठ पूजा से वापस लौटने वालों के लिए रेलवे का बड़ा ऐलान, जानें

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Chhath Puja Special Train: लोक आस्‍था का महापर्व छठ देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. वहीं बिहार और उत्तर प्रदेश की तो बात ही अलग है. इस पर्व को लेकर उत्साह इतना ज्यादा होता है कि हर साल लाखों की संख्या में यात्री बाहर के राज्यों से अपने घर चले जाते हैं.

लोगों के आस्‍था को देखते हुए रेलवे भी स्‍पेशल ट्रेने चलाती हैं. अब रेलवे ने छठ पूजा समाप्त हो जाने के बाद यात्रियों की वापसी और उससे उमड़ने वाली भीड़ के मद्देनजर बड़ा फैसला किया है. रेलवे ने 8 नवंबर से घर से वापस जाने वाले यात्रियों की भीड़ को देखते हुए 500 से अधिक स्‍पेशल ट्रेन चलाने का ऐलान किया है. बुधवार को रेलवे बोर्ड ने इसके बारे में जानकारी दी है.

जानें कहां से चलेंगी ट्रेनें?

रेलवे बोर्ड की ओर से जारी किए गए एक बयान के अनुसार, वापस लौटने वाले यात्रियों के लिए स्‍पेशल ट्रेन का ऐलान किया गया है. साथ ही स्थानीय मांग को पूरा करने के लिए समस्तीपुर, दानापुर तथा अन्य मंडलों से अतिरिक्त ट्रेन चलाने की योजना बनाई गई है.

किस दिन कितनी ट्रेनें चलेंगी?

जारी नोटिस के मुताबिक, छठ पूजा के दिन 8 नवंबर को सूर्योदय के बाद से यात्रियों की भीड़ शुरू होने लगेगी. रेलवे की ओर से यात्रियों की भीड़ की संभावना को देखते हुए 8 नवंबर को 164 स्‍पेशल ट्रेनों की व्यवस्था की गई है. वहीं, इसके बाद 9 नवंबर को 160 स्‍पेशल ट्रेनों, 10 नवंबर को 161 ट्रेनों और 11 नवंबर के लिए 155 स्‍पेशल ट्रेने चलाने की योजना बनाई गई है.

4 नवंबर को 1 करोड़ से ज्यादा यात्री

रेलवे बोर्ड ने बताया कि बीते 4 नवंबर को एक ही दिन में ‘रिकॉर्ड’ 120.72 लाख यात्रियों ने रेलवे से सफर की थी. बोर्ड ने बताया है कि इन यात्रियों में 19.43 लाख आरक्षित यात्री और 101.29 लाख अनारक्षित गैर-उपनगरीय यात्री शामिल थे. रेलवे से सफर करने वाले यात्रियों की ये संख्या ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त जनसंख्या से भी अधिक है.

रेलवे बोर्ड ने जानकारी दी है कि बीते 36 दिनों में 4,521 स्‍पेशल ट्रेन से करीब 65 लाख यात्रियों ने यात्रा किया है. रेलवे बोर्ड के अनुसार, 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक त्योहारों के बीच यात्रा की बढ़ती हुई मांग को पूरा करने के लिए कुल 7,724 विशेष ट्रेनों का ऐलान किया गया है. ट्रेनों की ये संख्या बीते साल 4,429 ट्रेनों के तुलना में 73 प्रतिशत से ज्यादा हैं.

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