दिन से लेकर रात तक क्यों नहीं कम हो रहा पारा, जानिए क्या कहते हैं वैज्ञानिक?

Abhinav Tripathi
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Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Weather Report Update: उत्तर भारत इस समय प्रचंड गर्मी की चपेट में है. रात हो, दिन हो या शाम हो, हर समय गर्मी से हाल बुरे हैं. मौसम विभाग दावा कर रहा है कि इस साल तापमान सामान्य से 6 से 8 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है. उत्तर भारत में हीटवेव का तांडव देखने को मिल रहा है. गर्मी के कारण लगातार लोग बीमार पड़ रहे हैं. कई शहरों में तो पारा 45 डिग्री के पार है. इस साल गर्मी ने पिछले कई साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. दिन में सूरज की किरणें मानों आग उगल रहीं हो.

भारत मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि अभी और कुछ दिनों तक कमोबेश यही स्थिति देखने को मिलेगी. अभी राजधानी दिल्ली के साथ आसपास के इलाकों में अभी प्री मानसून की गतिविधियां भी देखने को नहीं मिलेंगी. खबरों की मानें तो मानसून ओडिशा तक पहुंचा है. अभी इसकी रफ्तार काफी स्लो है. आम तौर पर 15 जून के बाद बिहार और झारखंड में मानसून दस्तक दे देता है, लेकिन इस साल इन राज्यों में भी बारिश की एक बूंद नहीं पड़ी है. इन सब के बीच सवाल यही खड़ा हो रहा है कि गर्मी तो हर साल पड़ती है, आखिर इस साल ऐसा क्या हो गया है कि गर्मी इस साल कम ही नहीं हो रही है. दिन, रात और शाम हर समय गर्मी का सितम देखने को मिल रहा है. आइए जानते हैं कि इस साल आखिर इतनी गर्मी क्यों पड़ रही है…?

मौसम का हाल

दिल्ली में गर्मी पुराने रिकॉर्ड तोड़ रही है. मौसम विभाग ने राजधानी में भीषण गर्मी को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है. वहीं, अगर अन्य राज्यों के बारे में बात करें तो उत्तर प्रदेश का प्रयागराज जिला सबसे गर्म जिला बना है. यहां के कुछ इलाकों में पारा 47 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर गया है. इसके अलावा कानपुर, यूपी की राजधानी लखनऊ, बांदा, बुंदेलखंड जैसे शहरों में भी तापमान पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है. वहीं, बिहार के 9 जिलों में भीषण गर्मी को लेकर मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है. उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में भी हालात यही हैं.

इस साल गर्मी क्यों तोड़ रही रिकॉर्ड

जानकारों का कहना है कि गर्मी के बढ़ने का अहम कारण ग्लोबल क्लाइमेट चेंज है. ग्लोबल वार्मिंग के कारण केवल भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों में तापमान में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. सबसे आश्चर्य वाली बात यह है कि लंदन में भी हीटवेव को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही हर जगह वेदर पैटर्न में बदलाव हुआ है, अल नीनो की स्थिति भी इसका कारण है.

अलनीनों की परिस्थिति में हवाएं उल्टी बहती हैं और महासागर के पानी का भी तापमान बढ़ने लगता है. इस वजह से दुनिया के मौसम में इसका प्रभाव नजर आता है. वहीं, अलनीनों के कारण तापमान में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. इसके अलावा पर्यावरण में हो रहे बदलाव के वजह से वार्म नाइट की स्थिति भी देखने को मिल रही है. इस वजह से रात में भी गर्मी से कोई आराम नहीं मिल रहा है.

कब जारी किया जाता है रेड अलर्ट?

भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा उत्तर भारत के कई शहरों में रेड अलर्ट जारी किया गया है. भीषण गर्मी और हीट वेव को लेकर यह अलर्ट जारी किया गया है. अलर्ट जारी करने के पीछे कई कारण होते हैं. मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो इस समय केवल मैक्सिमम टेंपरेचर में बढ़ोत्तरी नहीं हुई है, बल्कि वार्म नाइट की भी स्थिति चल रही है. इस कारण ही रेड अलर्ट जारी किया जाता है. नाइट वार्म का मतलब है कि रात का तापमान भी काफी ज्यादा है और साढ़े 4 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तापमान है. मौसम वैज्ञानिक द्वारा मिली जानकारी के अनुसार तापमान में बढ़ोत्तरी के कारण हमारी बॉडी और पेड़ पौधों को तापमान कंट्रोल करने का समय नहीं मिलता है. इस स्थिति में रेड अलर्ट जारी किया जाता है. इसके अलावा लू भरी हवाओं को लेकर भी अलर्ट जारी किया जाता है.

मानसून को लेकर क्या है अपडेट

मौसम विभाग का कहना है कि प्रत्येक साल जून के दूसरे हफ्ते तक बिहार झारखंड में मानसून की एंट्री हो सकती है. लेकिन इस साल तो मानसून बिहार में भी कमजोर पड़ा है. मौसम विभाग के अनुसार अगले 1 हफ्ते तक बिहार में भी बारिश के कोई आसार नहीं है. वहीं, मौसम विभाग का कहना है कि राजधानी दिल्ली में 20 जून के बाद हल्की बूंदा बादी देखने को मिल सकती है. वहीं, इस हफ्ते तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के आस पास रह सकता है. न्यूनतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है.

मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि कुछ राज्यों में जल्द ही मानसून दस्तक दे सकता है. मध्य प्रदेश में 20 से 21 जून के आस पास मानसून दस्तक दे सकता है. बिहार झारखंड में 27 जून के आसपास मानसूनी बारिश के संकेत हैं. वहीं, यूपी में जुलाई के पहले हफ्ते से बारिश होने के आसार है.

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