Delhi Judicial Services Examination: हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि दिल्ली न्यायिक सेवा परीक्षा में पूछे गए प्रश्न की शुद्धता को चुनौती दी जा सकती है, भले ही याचिका दाखिल करने वाले उम्मीदवार ने पहले प्रश्न पर आपत्ति नहीं उठाई हो. न्यायमूर्ति राजीव शकधर एवं न्यायमूर्ति अमित बंसल की पीठ ने कहा, किसी भी उम्मीदवार की ओर से उठाई गई आपत्तियां सार्वभौमिकता प्राप्त करती है.
याचिका हुई खारिज
पीठ ने कहा, अगर कोई उम्मीदवार किसी प्रश्न पर आपत्ति दर्ज कराता है, तो यह सार्वभौमिकता प्राप्त कर लेता है. उसे आपत्ति दर्ज कराने का अवसर देने का उद्देश्य हितकर है, क्योंकि यह प्रतिवादी हाईकोर्ट प्रशासन को उम्मीदवारों के व्यापक हित में सुधारात्मक कदम उठाने एवं संभावित अनुचित परिणाम से दूर रहने में सहायक होगा. इसलिए यह अदालत डीजेएस प्रारंभिक परीक्षा, 2023 में पूछे गए एक प्रश्न की शुद्धता के संबंध में श्रुति कटियार की याचिका की विचारणीयता के खिलाफ हाईकोर्ट के वकील की ओर से उठाई गई प्रारंभिक आपत्ति को खारिज करती है.
उम्मीदवार ने नहीं दी थी प्राथमिकता
हाईकोर्ट प्रशासन ने कहा था कि याचिकाकर्ता उम्मीदवार ने पहले आपत्तियों को प्राथमिकता नहीं दी थी, इसलिए वह अब इसको लेकर याचिका दाखिल नहीं कर सकता है. पीठ ने कहा, ऐसे उम्मीदवार भी थे जिन्होंने उस प्रश्न पर आपत्ति दर्ज कराई थी, जिसको लेकर याचिकाकर्ता ने याचिका दाखिल की थी. अब किसी भी उम्मीदवार को दी गई राहत आम तौर पर सभी के पक्ष में होगी. पीठ ने उसके साथ ही विवादित प्रश्न के लिए याचिकाकर्ता को अंक देने को कहा.
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