Himachal Pradesh Cloudburst: हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश के कारण भूस्खल हुआ और राज्य में हालात खराब हो गए है. भारी बाारिश और भूस्खलन के कारण स्थानीय लोगों के साथ पर्यटकों को भी काफी परेशानियों का सामाना करना पड़ रहा है. हिमाचल में आई इस प्राकृतिक आपदा के कारण राज्य में 100 से अधिक सड़कें बंद हो गई हैं. भारी बारिश के कारण या तो यह सड़कें टूट गई हैं, या फिर इनपर मलबा भरा पड़ा है.
इस बीच मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के लिए आने वाले दिनों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. राज्य मौसम विभाग का कहना है कि 10 अगस्त को राज्य के अलग-अलग स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश हो सकती है. इसको लेकर ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है. वहीं, अगले 24 घंटों में कांगड़ा, सिरमौर, चंबा, शिमला, कुल्लू, किन्नौर, सोलन और मंडी जिलों में भारी बारिश की संभावना है इसी के साथ बाढ़ की भी आशंका है.
अचानक आ सकती है बाढ़!
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की मानें तो मंडी में 37, शिमला में 29, कुल्लू में 26, कांगड़ा में छह, किन्नौर और लाहौल-स्पीति में चार-चार, सिरमौर में दो और हमीरपुर में एक सहित कुल 109 सड़कें बंद हैं. जिस कारण राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, राज्य में अगले कुछ दिनों तक मानसूनी गतिविधियां देखने को मिलेंगी. मौसम विभाग की मानें कुछ स्थानों पर भूस्खलन और अचानक बाढ़ की आशंका है, इसको लेकर चेतावनी जारी की गई है.
मृतकों का बढ़ा आंकड़ा
जानकारी दें कि पिछले दिनों शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों में बादल फटने की घटनाएं सामने आई थी. जिस कारण अचानक बाढ़ आ गई थी. इस बाढ़ में अब तक 22 लोगों की मौत हो गई है. अभी भी लापला लोगों की तलाश जारी है. बताया जा रहा है कि इस घटना में अभी भी 30 से अधिक लोग लापता हैं. इस बादल फटने और बाढ़ की घटना के कारण सबसे अधिक प्रभावित रामपुर उपमंडल के सरपारा पंचायत के अंतर्गत आने वाला समेज गांव है. बताया जा रहा है कि यहां लगभग 25 लोग लापता हैं.
इस गांव से 9 शव बरामद
बाढ़ के बाद राहत और बचाव कार्य की निगरानी करने वाले अधिकारियों ने बताया कि मंडी के राजभान गांव से नौ शव बरामद किए गए हैं, कुल्लू जिले के निरमंड और बागीपुल से तीन शव तथा शिमला जिले के समेज और धड़कोल, ब्रो और सुन्नी बांध के आसपास के इलाकों से 10 शव बरामद किए गए हैं.
पुलिस का कहना है कि कुल 22 शवों में 6 बुधवार को बरामद किए गए थे. अब तक 12 शवों की पहचान भी की जा चुकी है, वहीं अन्य शवों की शिनाख्त की जा रही है. अधिकारियों का कहना है कि करीब 85 किलोमीटर के क्षेत्र में तलाभी अभियान चलाया जा रहा है.
एक हफ्ते से चल रहा तलाशी अभियान
हिमाचल प्रदेश के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बुधवार को बताया कि अब और शव मिलने की संभावना कम है, क्योंकि बह गए क्षेत्र में पहले ही तलाशी अभियान चलाया जा चुका है. बता दें कि लापता हुए अन्य लगभग 30 लोगों के परिवारों के सदस्यों की उम्मीदें भी टूटने लगी हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि लगातार बारिश के बीच तलाशी और बचाव अभियान को बुधवार को सात दिन हो चुके हैं.
बचाव और तलाशी अभियान के बारे में NDRF के सहायक कमांडिंग अधिकारी करम सिंह ने बताया कि बारिश हो रही है, लेकिन संयुक्त खोज और बचाव अभियान जारी है. सतलुज नदी में जलस्तर बढ़ रहा है और कई स्थानों पर भूस्खलन भी हो रहा है. सड़कों को साफ करने के लिए जेसीबी और अन्य मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है.