Lok Sabha Chunav: चुनावी साल में सीएम ममता को क्यों याद आए राम? बीजेपी ने बताई वजह

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Holiday On Ram Navami in West Bengal: लोकसभा चुनाव के ऐलान में महज कुछ दिनों का वक्त शेष है. ऐसे में सभी राजनीतिक दल एक्टिव हो गए हैं. इस कड़ी में राजनीतिक पार्टियों ने अपने अपने उम्मीदवारों की घोषणा करनी शुरू कर दी है. इस बार के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल काफी चर्चा में है. बीजेपी ने बंगाल पर विशेष फोकस किया है. तो वहीं, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी पीछे नहीं दिख रही है. सीएम ममता ने लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके बाद बीजेपी उनपर निशाना साधने में पीछे नहीं हट रही है.

ममता ने रामनवमी पर किया छुट्टी का ऐलान

ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी (TMC) सरकार ने रामनवमी (Ram Navami) के मौके पर पहली बार छुट्टी का ऐलान किया है. इससे पहले कभी भी रामनवमी पर राज्य में अवकाश नहीं रहा है. इस बार चुनाव से ठीक पहले ममता सरकार ने ये फैसला लिया है. इस बार राम नवमी का त्योहार 17 अप्रैल को मनाया जाएगा. इस फैसले को लेकर ममता सरकार बीजेपी के निशाने पर आ गई है. वहीं, कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि ये चुनावी स्टंट हैं या सचमुच ममता बनर्जी का हृदय परिवर्तन हो गया है.

जानकारी दें कि पश्चिम बंगाल में राम नवमी और हनुमान जयंती पर जुलुस निकालने की इजाजत नहीं होती थी. राम नवमी के पावन मौके पर हिंसा होती थी. ये पहला मौका है जब राज्य नें सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा की गई है.

बीजेपी ने ममता सरकार पर साधा निशाना

बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ममता बनर्जी पर निशाना साधा है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “ममता बनर्जी हर बार ‘जय श्री राम’ सुनते ही गुस्सा हो जाती थीं, उन्होंने पश्चिम बंगाल में रामनवमी को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है. ऐसा उन्होंने अपनी हिंदू विरोधी छवि के चलते किया है. हालांकि बहुत देर हो चुकी है. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि रामनवमी के जुलूस पर कोई पथराव न हो. क्या वह ऐसा करेंगी? जय श्री राम.”

बीजेपी के लिए राम मंदिर अहम मुद्दा

उल्लेखनीय है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के राम मंदिर अहम मुद्दा रहने वाला है. इसी साल 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी. इस महाआयोजन में देश भर के दिग्गजों को बुलाया गया था. इसमें पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने जाने से मना कर दिया था. हालांकि, रामनवमी पर अवकाश के फैसले के बाद राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सीएम ममता अपनी राम विरोधी छवि को सुधारने की कोशिश कर रही है.

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