केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शनिचार को योग गुरु सद्गुरु और संत आचार्य स्वामी अवधेशानंद गिरि से मुलाकात की. उनकी यह मुलाकात दिल्ली में हुई. इस मुलाकात में भारत की सांस्कृतिक धरोहर, समाज के लिए उनके योगदान और धार्मिक समरसता को बढ़ावा देने के विषयों पर गहरी बातचीत हुई. अमित शाह ने सद्गुरु, जो कि “इशा फाउंडेशन” के संस्थापक हैं, से भी मुलाकात की.
सद्गुरु ने भारतीय संस्कृति और योग के प्रचार-प्रसार में अपने योगदान के लिए व्यापक प्रसिद्धि प्राप्त की है. गृह मंत्री अमित शाह के साथ अपनी मुलाकात के दौरान सद्गुरु ने भारत के विकास में अध्यात्म और मानसिक कल्याण की भूमिका को प्रमुख बताया. उन्होंने कहा, समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहद जरूरी है और इसके लिए ध्यान और योग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.
Delighted to meet Shri @SadhguruJV Ji. Had a discussion about Indian spirituality and its role in transforming societies. pic.twitter.com/HSyxDFPAkJ
— Amit Shah (@AmitShah) January 4, 2025
स्वामी अवदेशानंद गिरी से चर्चा
इस बैठक में स्वामी अवधेशानंद गिरी भी शामिल हुए, बता दें कि वे भारत के एक प्रमुख संत और संत समाज के विचारक हैं. इस दौरान उन्होंने भारतीय समाज की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया. स्वामी जी ने गृह मंत्री अमित शाह के साथ भारत में धार्मिक समरसता और एकता के महत्व पर विचार साझा किए और कहा, देश में विभिन्न धर्मों के बीच आपसी समझ और सम्मान बढ़ाने की जरूरत है.
जूनापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज से भेंट हुई। अध्यात्म व राष्ट्रहित संबंधी विभिन्न विषयों पर उनसे विस्तृत चर्चा की। दुनिया में भारतीय ज्ञान परंपरा और दर्शन को प्रसारित करने में आपकी भूमिका सराहनीय है। pic.twitter.com/hOP7H47Q5C
— Amit Shah (@AmitShah) January 4, 2025
क्या बोले गृह मंत्री अमित शाह?
बैठक के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों संतों के विचारों को सराहा और कहा, भारत की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और उसे आगे बढ़ाने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, देश में धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है.
श्री शाह ने यह विश्वास व्यक्त किया कि भारत की महानता उसके धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता में निहित है और इसे सहेजने का काम संतों और धार्मिक गुरुों के योगदान से और भी सशक्त होगा. उन्होंने सद्गुरु और स्वामी अवधेशानंद गिरी के कार्यों की सराहना की और उनकी सामाजिक सेवाओं को उच्च मानक पर रखा.