India China Relations: मोदी सरकार बनते ही चीन को लगा बड़ा झटका, भारत बदलेगा तिब्बत की इन जगहों का नाम

Shubham Tiwari
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Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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India China Relations: हाल ही में चीन ने भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में कई जगहों के नाम बदलने का दावा किया था. इसके जवाब में जैसे को तैसा वाली रणनीति के तहत भारत पूरी तरह तैयार है. पीएम मोदी के नेतृत्व वाली नव निर्वाचित एनडीए सरकार ने कार्यभार संभालते ही तिब्बत में 30 स्थानों के नाम बदलने को मंजूरी दे दी है. भारत के इस फैसले से चीन को बड़ा झटका लग सकता है.

दरअसल, भारत सरकार ने यह फैसला तब लिया है, जब चीन द्वारा अप्रैल में अरुणाचल प्रदेश में 30 स्थानों के नाम बदलने का दावा किया गया. चीन के इस दावे पर भारत कड़ी आपत्ति जताई थी. अब भारत की नवनिर्वाचित मोदी सरकार चीन को इसका जवाब दिया है. भारत का लक्ष्य तिब्बत में स्थित विभिन्न स्थानों को अपने नाम देकर अपने क्षेत्रीय दावों को पुख्ता करना है

इन जगहों का बदलेगा नाम

मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी की नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की तरफ से तिब्बत के 30 स्थानों के नाम बदलने की मंजूरी दे दी गई है. नाम बदलने वाली सूची में 11 आवासीय क्षेत्र, 12 पहाड़, चार नदिया, एक झील, एक पहाड़ी दर्रा और एक जमीन का टुकड़ा शामिल है. इन जगहों के नाम तिब्बत क्षेत्र के आधार पर ही रखे जाएंगे. बताते चलें कि इंडियन आर्मी द्वारा इन नामों को जारी किया जाएगा. साथ ही एलएसी के मैप इन नामों को अपडेट कर दिया जाएगा. हालांकि, अभी इसको लेकर अभी कोई ऑफिशियल जानकारी सामने नहीं आई है.

गौरतलब है कि चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश को लेकर बार-बार दावा किया जाता है, इसके बावजूद भारत ने लगातार अरुणाचल प्रदेश को देश का अभिन्न अंग और अविभाज्य बताया है. चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के नाम बदलने वाले दावो पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ‘मनगढ़ंत’ नाम रखने से यह वास्तविकता नहीं बदल जाती. वहीं, अब भारत ने तिब्बत में नाम बदलने का दावा कर चीन की बैचेनी बढ़ा दी है.

जानिए क्या बोले विदेश मंत्री

खास बात यह है कि भारत की तरफ से चीन को उस वक्त पर जवाब दिया गया है, जब दक्षिण चीन सागर जैसे क्षेत्रों में चीन की विस्तारवादी नीतियों को वैश्विक अस्वीकृति मिली है. वहीं, आज एक बार फिर विदेश मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद एस जयशंकर ने भी भारत पाकिस्तान को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन का सवाल है, उन देशों के साथ हमारे संबंध अलग हैं और वहां की समस्याएं भी अलग हैं. चीन के मामले में हमारा ध्यान सीमा मुद्दों का समाधान खोजने पर होगा और पाकिस्तान के साथ हम वर्षों पुराने सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे का समाधान खोजना चाहेंगे.

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