India Ballistic Missile Test: यूं तो भारत समय-समय पर तमाम मिसाइल परीक्षण करता रहता है. लेकिन इस बार कुछ बड़ा मिसाइल परीक्षण करने वाला है. इस मिसाइल के बारे में लगभग सभी जानकारियों को सरकार ने गुप्त रखा है. वहीं, इसको लेकर बालासोर में आसपास के गांवों से 10 हजार से अधिक लोगों को विस्थापित किया गया है. जिसके बाद से पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान में खलबली मच गई है.
दुनियाभर की निगाहें भारत पर
भारत में होने वाले आज के मिसाइल परीक्षण पर चीन, पाकिस्तान समेत दुनिया के कई देश इस पर नजर गड़ाए हुए है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह ये है कि भारत ने इस मिसाइल की प्रकृति और प्रकार को लेकर कोई भी खुलासा नहीं किया है. यह मिसाइल किस लिए होगी, क्या खासियत होगी, किस प्रकार की होगी. ऐसी तमाम जानकारियों को भारत सरकार ने गुप्त रखा है.
बता दें कि ओड़िशा के बालासोर जिले में आज होने वाले इस मिसालइ परीक्षण को लेकर अपनी तैयारी पूरी कर लिए है. बालासोर के जिला प्रशासन ने आज बुधवार को किए जाने वाले मिसाइल परीक्षण से पहले 10 गांवों के 10,000 से अधिक लोगों को अस्थायी रूप से दूसरे स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया है. रक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) में मिसाइल परीक्षण के लिए आवश्यक तैयारी भी पूरी कर ली है. यह परीक्षण आईटीआर के प्रक्षेपण स्थल संख्या-3 से किया जाएगा.
प्रभावित लोगों को दिया जाएगा मुआवजा
बालासोर जिला के एक राजस्व अधिकारी ने बताया कि मिसाइल के परीक्षण से पहले प्रक्षेपण स्थल के 3.5 किलोमीटर के दायरे में बसे 10 गांवों के 10,581 लोगों को अस्थायी रूप से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने की व्यवस्था की गई है. प्रशासन ने इन गांवों के लोगों को बुधवार तड़के चार बजे तक अपने घर छोड़ने तथा परीक्षण समाप्त होने के बाद घोषणा किए जाने तक शिविर में ही रहने के लिए कहा है. अधिकारी ने बताया कि शिविर में आने वाले लोगों के लिए तय मुआवजा राशि उनके बैंक खाते में जमा करा दी जाएगी. वहीं, प्रशासन द्वारा ‘‘सुरक्षा उपाय के तौर पर प्रभावित लोगों को पर्याप्त मुआवजा देने के साथ ये व्यवस्थाएं की जा रही हैं.’’
तम्बुओं में रहने की व्यवस्था
जिला राजस्व अधिकारी ने बताया कि बालासोर जिला प्रशासन ने पास के विद्यालयों, बहुउद्देशीय चक्रवात पुनर्वास केंद्रों और अस्थायी तम्बुओं में लोगों के रहने की व्यवस्था की है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक शिविर में लोगों की सहायता के लिए कम से कम 10 सरकारी अधिकारियों को तैनात किया गया है. साथ ही शिविरों में लोगों की सहायता के लिए पुलिस की 22 टुकड़ियां (एक टुकड़ी में नौ कर्मी) तैनात की गई हैं.