Maldives: भारत और मालदीव द्वीप राष्ट्र में भारतीय सैन्य कर्मियों की उपस्थिति पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में अपनी दूसरी कोर समूह की बैठक आयोजित करने के लिए तैयार हैं. उच्च स्तरीय कोर ग्रुप की प्रारंभिक बैठक 14 जनवरी को माले में हुई. मालदीव के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा “मालदीव के विदेश मंत्रालय में हुई बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने मौजूदा द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की. विकास सहयोग पर कई मुद्दों पर चर्चा हुई.
इतने भारतीय सैनिक तैनात है
गौरतलब है कि मालदीव में भारतीय सैनिकों को हटाना मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ु की पार्टी का मुख्य अभियान था. वर्त्तमान में मालदीव में डोर्नियर 228 समुद्री गश्ती विमान और दो एचएएल ध्रुव हेलीकॉप्टरों के साथ लगभग 70 भारतीय सैनिक तैनात हैं. मालदीव के विदेश मंत्रालय ने पहली कोर ग्रुप की मीटिंग के बाद कहा कि भारत और मालदीव द्वीप राष्ट्र से “भारतीय सैन्य कर्मियों की तेजी से वापसी पर सहमत हुए”. ऐसे में अगर भारतीय सैनिको की वापसी हो जाती है तो इसका फायदा चीन उठाएगा और मालदीव में अपना दबदबा बढ़ाने का प्रयास करेगा.
पहली बैठक 14 जनवरी को हुई थी
कोर की पहली बैठक 14 जनवरी को माले में हुई. पहली बैठक के भारतीय रीडआउट में “पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधान” खोजने पर केंद्रित चर्चाओं पर प्रकाश डाला गया, जो मालदीव के लोगों के लिए मानवीय और चिकित्सा निकासी सेवाएं प्रदान करने वाले भारतीय विमानन प्लेटफार्मों के निरंतर संचालन की अनुमति देगा.
राजनयिक प्रयास और सहयोग
14 जनवरी को, विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत और मालदीव ने भारतीय विमानन प्लेटफार्मों के संचालन को जारी रखने के लिए एक पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधान खोजने पर चर्चा की जो मालदीव के लोगों को मानवीय और चिकित्सा निकासी सेवाएं प्रदान करते हैं. इसके अतिरिक्त भारत और मालदीव ने द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने और चल रही परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया.
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