India-Myanmar Border: केंद्र सरकार ने भारत-म्यामांर के बीच 1610 किलोमीटर लंबे बॉर्डर को सील करने का निर्णय लिया है. इस दौरान बॉर्डर पर हैवी फेंसिंग लगेगी, जिसकी शुरुआत हो गई है. दरअसल, भारत सरकार ने यह फैसला मणिपुर में घुसपैठियों को रोकने के लिए किया है. सरकार ने बॉर्डर सील करने के साथ ही सीआरपीएफ की दो बटालियनों को भी मणिपुर में स्थायी तौर पर लगाया है,वहीं केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के भी बीस हजार जवानों की तैनाती की गई है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौ दिन में मणिपुर की स्थिति को संभालने के लिए काफी कोशिशें की. इसी बीच भारत सरकार ने भारत-म्यांमार सीमा पर मुक्त आवाजाही व्यवस्था (एफएमआर) को समाप्त कर दिया.
मणिपुर की सुरक्षा के लिए की जा रही कार्रवाई
फिलहाल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से मणिपुर की सुरक्षा स्थिति की नियमित समीक्षा कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है. ऐसे में ही मणिपुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की दो बटालियनों को तैनात किया गया है. इसके अलावा वहां केंद्रीय पुलिस बलों की लगभग 200 कंपनियां तैनात हैं. साथ ही मणिपुर सरकार ने आम लोगों को उचित मूल्य पर आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराने के लिए 25 दुकानें/मोबाइल वैन चालू की हैं. ये दुकानें/मोबाइल वैन मणिपुर के सभी जिलों में कार्य कर रही हैं.
म्यांमार से मणिपुर में प्रवेश कर रहे घुसपैठिए
सूत्रों से पता चला है कि पड़ोसी मुल्क म्यांमार से घुसपैठिए,मणिपुर में प्रवेश कर रहे हैं,हालांकि इन्हें रोकने के लिए पहले ही भारत सरकार ने भारत-म्यांमार सीमा पर मुक्त आवाजाही व्यवस्था को समाप्त कर दिया है. इसके बावजूद घुसपैठियों का प्रवेश जारी है. यहीं वजह है कि सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति ने 31 हजार करोड़ रुपये की लागत से भारत-म्यामांर के बीच 1610 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने की सैधांतिक रूप से मंजूरी दे दी है, जिससे जल्द से जल्द मणिपुर में शांति पुनर्स्थापित की जा सके.
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