स्टडी में चौंकाने वाला दावा, हिंदुस्तान पर बारिश के दौरान ही आक्रमण करते थे विदेशी आक्रांता

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Attack of Foreign Invaders on India: भारत पर विदेशी आक्रमणकारियों के आक्रमण को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. एक स्टडी में दावा किया गया है कि अधिकांश आक्रमण मानसून यानी बारिश के मौसम में ही हुए. इसका दावा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटिओरोलॉजी पुणे (IITM Pune) के वैज्ञानिकों ने की है. अध्‍ययन के मुताबिक, छठी शताब्दी ईसा पूर्व (सामान्य युग से पहले) और 16वीं शताब्दी सीई (सामान्य युग) के बीच 11 प्रमुख आक्रमणों में से 8 बारिश के समय ही किए गए थे.

आईआईटीएम पुणे और रिमोट सेंसस विभाग, बीआईटी (बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी), मेसरा, रांची के वैज्ञानिक रिसर्च टीम के सदस्‍यों में शामिल थे. रिसर्च टीम का नेतृत्व IITM के वरिष्ठ वैज्ञानिक नवीन गांधी ने किया. हाल ही में अप्रैल के पहले सप्ताह में जर्नल ऑफ अर्थ सिस्टम साइंस में इसे प्रकाशित किया गया था.

अध्‍ययन में चौंकाने वाला खुलासा

स्‍टडी में पाया गया कि दो मामलों को छोड़कर, मध्य एशिया से सभी बड़े हमले मानसून के दौरान ही किए गए, जबकि मध्य एशिया में प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों के दौरान हमले हुए. केवल सिकंदर महान और तैमूर ने प्रतिकूल मानसून परिस्थितियों में भारत पर हमला किया. वैज्ञानिकों ने पाया कि छठी शताब्दी ईसा पूर्व और 16वीं शताब्दी ईस्वी तक करीब सभी हमला एक विशेष मानसूनी जलवायु से जुड़ा था. उदाहरण के तौर पर, साइरस द्वितीय का आक्रमण भारत में लंबे समय तक अच्छे मानसून और मध्य एशिया में सूखे की स्थिति के दौरान हुआ.

सिंकदर ने प्रतिकूल मानसून स्थिति में किया हमला  

वहीं सिकंदर ने भारत पर आक्रमण कमजोर मानसून और सूखे की स्थिति के दौरान किया. भारत पर सिकंदर के आक्रमण को अक्सर साइरस महान, डायोनिसस और हरक्यूलिस जैसे यूनानी शासकों के राह पर चलते हुए देखा जाता है. हालांकि, सिकंदर ने  भारत में मानसून की परिस्थिति की परवाह किए बिना आक्रमण किया.

इसके अलावा, सैन्य कमांडर मुहम्मद इब्न अल-कासिम का आक्रमण, हूणों का आक्रमण, महमूद गजनवी का आक्रमण मानसून के दौरान ही हुआ. वहीं अच्छे मानसून और भारी बारिश के दौरान ही चंगेज खान और अलाउद्दीन खिलजी ने भी भारत पर आक्रमण किया. वहीं तुर्क-मंगोल विजेता, तैमूर का हमला कमजोर मानसून की स्थिति में किया गया.

आक्रमण की क्या वजह रहीं?

स्टडी में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि आक्रांताओं ने अनुकूल जलवायु मौसम से समृद्ध आजीविका वाले क्षेत्रों को टार‍गेट किया है. इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि आक्रमण से पहले ही आक्रांताओं के पास उस क्षेत्र की जानकारी रही होगी. डेटा के वैज्ञानिकों ने पाया कि भारतीय उपमहाद्वीप में लगातार अनुकूल मानसून के मौसम ने बाहरी हमलों को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई. अच्छा मानसून, कृषि समृद्धि और आर्थिक विकास के वजह भारत उन बाहरी ताकतों के निशाने पर था जो देश धन, सत्ता और क्षेत्र पर कब्‍जा करना चाहते थे.

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