Israel-Hamas War: इस्राइस-हमास के बीच जंग बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में यदि ये युद्ध और अधिक लंबा चलता है तो इसका असर टेक कंपनियों पर भी देखा जा सकता है. उद्योग एक्सपर्ट का मानना है कि यदि इस्राइस-हमास संघर्ष बढ़ता है तो इस्राइस में कार्यालय रखने वाली ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनियां संभावित रूप से अपने व्यापार संचालन को भारत या किसी अन्य स्थानों पर शिफ्ट कर सकती हैं.
भारत शिफ्ट हो सकती हैं टेक कंपनियां
बता दें कि टेक्नोलॉजी के मामले में इजराइल सबसे आगे है. क्योकि यहीं पर ऐपल, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक और आईबीएम समेत कई टेक कंपनियों का गढ़ है. इन कंपनियों के करीब एक लाख कर्मचारी काम करते हैं. इसलिए जानकारों का कहना है कि अगर युद्ध बढ़ता है, तो टेक कंपनियों पर इसका साफ असर देखने को मिलेगा. शायद यही वजह है कि गूगल और ऐपल जैसी बड़ी कंपनियों की सांसे अटकी हुई हैं.
इन स्थानों को करेंगी रूख
बिजनेस एक्सपर्टो की माने तो टीसीएस और विप्रो जैसी भारतीय कंपनियां भी व्यावसायिक आकस्मिक योजनाओं को एक्टिव कर सकती हैं और अपना परिचालन भारत में शिफ्ट कर सकती हैं. युद्ध के दौरान यदि आवश्यक हुआ तो वे व्यवसाय निरंतरता योजना के हिस्से के रूप में व्यावसायिक कार्यों को समान समय क्षेत्र और प्रतिभा क्षमताओं वाले स्थानों पर स्थानांतरित कर सकते हैं. जिसके लिए ये कंपनियां भारत के अलावा मध्य पूर्व या पूर्वी यूरोप जैसे देशों का रूख कर सकती है.
क्या बोले सुंदर पिचाई
गूगल कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर जानकारी दी थी कि कंपनी के इस्राइल में दो कार्यालय हैं और इनमें 2 हजार से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं. बीते शनिवार से हमारा तत्काल ध्यान कर्मचारियों की सुरक्षा पर रहा है. हमने अब अपने सभी स्थानीय कर्मचारियों से संपर्क कर लिया है और उनका समर्थन करना जारी रखेंगे.
कर्मचारियों की सुरक्षा में जुटी टीसीएस
वहीं, टीसीएस ने कहा कि कंपनी स्थिति पर नजर रख रही है और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश में लगी हुई है. बता दें कि टीसीएस में करीब 250 कर्मचारी हैं, जिनमें से अधिकांश इस्राइल में ही स्थित हैं, जबकि विप्रो में करीब 80 कर्मचारी हैं, जो सभी इस्राइली नागरिक हैं. इसके अलावा इंफोसिस, एचसीएलटेक और टेक महिंद्रा जैसी कंपनियां भी इस क्षेत्र में ऑपरेट होती हैं.