PROBA-3 Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज PROBA-3 मिशन लॉन्च करने वाला था, जो तकनीकी खराबी के चलते स्थगित कर दिया गया है. अब PSLV-C59 रॉकेट/PROBA-3 मिशन को कल के लिए पुनर्निर्धारित किया गया है. इसरो कल शाम 16:12 बजे श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से मिशन को लॉन्च करेगा.
प्रोबा मिशन पहले भी लॉन्च कर चुका है इसरो
PROBA-3 यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) का मिशन है. PROBA-3 मिशन सूर्य के कोरोना का स्टडी करेगा. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, ‘PROBA-3’ मिशन सूर्य के परिमंडल की सबसे बाहरी और सबसे गर्म परत का स्टडी करेगा. सूर्य के बाहरी एटमॉस्फियर को सूर्य का कोरोना कहा जाता है. इस मिशन में इसरो की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) सहयोग कर रही है. इसरो इससे पहले भी दो प्रोबा मिशन लॉन्च किया है. पहला 2001 में PROBA-1 और दूसरा 2009 में PROBA-2 मिशन लॉन्च किया गया था. दोनों मिशनों में इसरो को सफलता हासिल हुई थी.
प्रोबा-3 मिशन को दो मेन स्पेसक्रॉफ्ट से लॉन्च किया जाएगा. पहला Occulter है, जिसका वेट 200 किग्रा है और दूसरा स्पेसक्रॉफ्ट Coronagraph है, जिसका वजन 340 किग्रा है. लॉन्चिंग के बाद दोनों उपग्रह अलग हो जाएंगे. सोलर कोरोनाग्राफ बनाने के लिए बाद में इन्हें एक साथ पोजिशन किया जाएगा.
क्या है PROBA-3 मिशन?
प्रोबा-3 मिशन कई यूरोपीय देशों का एक पार्टनरशिप प्रोजेक्ट है. इन देशों के ग्रुप में स्पेन, इटली, पोलैंड, बेल्जियम और स्विट्जरलैंड शामिल है. इस मिशन की कुल लागत करीब 200 मिलियन यूरो बताई जा रही है. प्रोबा-3 मिशन दो सालों तक चलेगा. इस मिशन की खासियत है कि इससे पहली बार स्पेस में ‘प्रिसिजन फॉर्मेशन फ्लाइंग’ को टेस्ट किया जाएगा. इसके तहत एक साथ दो सैटेलाइट उड़ान भरेंगे.
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