“भारत का प्रतिनिधित्व करना सम्मान की बात”, Donald Trump के शपथ समारोह में सबसे आगे बैठे दिखे विदेश मंत्री डा. एस. जयशंकर

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर पद की शपथ ली. इस दौरान भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें दुनिया के तमाम देशों की दिग्गज हस्तियों ने शिरकत की. भारत की ओर से विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर शपथ समारोह में शामिल हुए और उन्होंने पीएम मोदी की तरफ से डोनाल्ड ट्रंप को शुभकामनाएं दीं.

एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करना “एक बड़ा सम्मान” था. जयशंकर ने सोमवार को राष्ट्रपति ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी के विशेष दूत के रूप में उनका प्रतिनिधित्व किया.

डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद की ली शपथ

डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति के रूप में ऐतिहासिक दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली, जिसके बाद उन्होंने दक्षिणी सीमा पर राष्ट्रीय आपातकाल लागू करने और मैक्सिको की खाड़ी का नाम बदलकर अमेरिका की खाड़ी करने सहित कई उपायों की घोषणा की. जयशंकर को इक्वाडोर के राष्ट्रपति डेनियल नोबोआ के साथ अग्रिम पंक्ति में सीट की पेशकश की गई, जो प्रोटोकॉल में एक महत्वपूर्ण उन्नयन को दर्शाता है.

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने एक्स पर किया पोस्ट

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, “आज वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है.”

इससे पहले, विदेश मंत्री ने सोमवार को सेंट जॉन्स चर्च में शपथ ग्रहण दिवस प्रार्थना सेवा में भाग लिया और कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री के विशेष दूत के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए “सम्मान की बात” है. सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में विदेश मंत्री की उपस्थिति भारत की उस सामान्य परंपरा के अनुरूप है, जिसके तहत वह राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए विशेष दूत भेजता है. विदेश मंत्री ने ट्रंप प्रशासन के सदस्यों से भी मुलाकात की,

जिनमें अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के 56वें अध्यक्ष माइक जॉनसन, सीनेट के बहुमत नेता जॉन थून और संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के निदेशक पद के लिए नामित काश पटेल शामिल थे. उन्हें नवगठित सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) से इस्तीफा देने वाले विवेक रामास्वामी से भी हाथ मिलाते देखा गया. उन्होंने अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिली से भी मुलाकात की और उद्घाटन समारोह में उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं दीं.

More Articles Like This

Exit mobile version