Jagannath Puri Temple: उड़ीसा के पुरी का जगन्नाथ मंदिर प्राचीनकाल से ही हिंदुओं के आस्था का केंद्र है. यह भारत के चार धामों में एक है. इस मंदिर में आज भी 12वीं सदी का खजाना मौजूद है. कहते हैं कि इस खजाने को उस समय के राजा महाराजाओं ने दान में दिया था. मंदिर के भीतरी तहखाने यानी रत्नभंडार में रखे खजाने को 46 साल बाद गुरुवार को निकाला गया.
इस काम के लिए प्रदेश सरकार की ओर से गठित 11 सदस्यीय समिति ने खजाना निकालने का काम किया. 18 जुलाई को सुबह 9.51 बजे समिति के 11 सदस्य तहखाने के अंदर गए. तीसरे कमरे से 3 संदूक और 4 आलमारियां मिले हैं. खजाना निकालते-निकालते लोगों को 7 घंटे से भी ज्यादा का समय लग गया. खजाना निकालने में कमेटी वालों के पसीने छूट गए.
मंदिर में कितना खजाना मिला?
मिली जानकारी के अनुसार, मंदिर के पहले कमरे में 3.48 किलोग्राम सोना, दूसरे कमरे में 95.32 किलोग्राम सोना, तीसरे कमरे में 50.6 किलोग्राम सोना मिला है. पहले कमरे में 30.35 किलोग्राम चांदी, दूसरे कमरे में 19.48 किलोग्राम चांदी, तीसरे कमरे में 134.50 किलोग्राम चांदी मिला. पहले कमरे में मिले सोने और चांदी का इस्तेमाल अनुष्ठान में किया जाता है. दूसरे कमरे और सोने चांदी का इस्तेमाल त्योहारों के दौरान किया जाता है. तीसरे कमरे में मिले सोने और चांदी का इस्तेमाल आज तक नहीं हुआ है.
तीसरे कमरे में क्या-क्या मिला?
रत्नगृह में गई निगरानी कमेटी को तीसरी कमरे में 6.50X 4 फीट की एक आलमारी और 3X4 फीट की संदूक प्राप्त हुई है. अबतक कुल 9 संदूक और चार आलमारी मिल चुके हैं. बता दें कि भगवान जगन्नाथ मंदिर का पहला कक्ष पूजा के लिए प्रतिदिन खोला जाता है. वहीं दूसरा कक्ष विशेष पूजा के लिए खुलता है, जबकि तीसरा कक्ष पिछले 46 सालों से बंद पड़ा था, जिसे खोला गया. दुनियाभर में बसे करोड़ों हिंदुओं के साथ-साथ देशभर की निगाहें इस मंदिर पर टिकी हुई हैं.
निगरानी कमेटी ने चेयर मैन ने कहा…
जगन्नाथ मंदिर के लिए बनी निगरानी कमेटी ने मंदिर में और जांच के लिए सरकार को निर्देश देने की सिफारिश की है. पूर्व न्यायाधीश विश्वनाथ रथ ने सरकार से यह मांग की है ताकि लोगों के भ्रम को दूर किया जा सके. बता दें कि निगरानी कमेटी के चेयरमैन ने कहा कि लोगों में तहखाने और सुरंग को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है. इसलिए खजाने की गिनती से पहले कमेटी इस भ्रम को दूर करना चाहती है. साथ ही निगरानी समिति चाहती है कि उन्हें ऐसे उपकरण उपलब्ध कराए जाएं जिससे जगन्नाथ मंदिर परिसर में किसी और कमरे या तहखाने के बारे में जानकारी इकट्ठा किया जा सके.
बता दें कि मंदिर के अंदर से मिले खजाने को अस्थाई स्ट्रॉन्ग रूम में शिफ्ट कर दिया गया है. एएसआई की टीम मंदिर के रत्नखाने की मरम्मत करेगी. इसके बाद खजाने को पुराने कमरे में शिफ्ट में कर दिया जाएगा. बता दें कि मंदिर के तीसरे कमरे से चार आलमारियां और तीन संदूक मिले हैं.
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