भारत का पर्यटन क्षेत्र असाधारण संभावनाओं से भरा: गजेंद्र सिंह शेखावत

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Jaipur: केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारत का पर्यटन क्षेत्र विश्व के किसी भी अन्य देश की तुलना में असाधारण संभावनाओं से भरा हुआ है. 5,000 से अधिक वर्षों का सभ्यतागत इतिहास, 43 विश्व धरोहर स्थल, 56 संभावित विश्व धरोहर स्थल और लगभग 3,500 राष्ट्रीय महत्व के स्मारक हमारे सांस्कृतिक सामर्थ्य के जीवंत साक्ष्य हैं. राइजिंग राजस्थान में ‘एम्ब्रैसिंग डिवर्सटी: प्रमोटिंग इन्क्लूसिव टूरिज्म’ सत्र में शेखावत ने कहा कि पर्यटन का महत्व आर्थिक या व्यापारिक से ज्यादा सांस्कृतिक है. यही इस क्षेत्र की खूबी है. इसलिए यह जरूरी है कि भारत राष्ट्र के निर्माण से जुड़े सांस्कृतिक तत्वों और कारकों को लेकर हमारी समझ साफ हो.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बीते एक दशक में भारत के विकास को भारत की श्रेष्ठता, उसकी पारंपरिक विलक्षणता से जोड़ते हुए विरासत भी, विकास भी के विजन से साथ निरंतर आगे बढ़ाया है. आज भारत अगर विश्व की सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है तो इसके पीछे बड़ा कारण हमारा अपनी संस्कृति पर वह गर्व है, जो पूरी दुनिया में हमारी पहचान को गढ़ता है, हमारी सांस्कृतिक अस्मिता को प्रतिष्ठित करता है. शेखावत ने कहा कि भारत ने पर्यटन क्षेत्र के असाधारण प्रगति की है. लगभग 1,50,000 किलोमीटर लंबा सड़क नेटवर्क, 500 नई हवाई मार्ग योजनाएं, 150 नए हवाई अड्डे, वंदे भारत जैसी उच्च गति की ट्रेनों की शुरुआत, 100 पर्यटन अवसंरचना परियोजनाओं के पूर्ण होने से देश में टूरिज्म और कनेक्टिवेटी की सुगमता का स्वर्णिम दौर शुरू हुआ है.

खासतौर पर जी-20 की अध्यक्षता के दौरान 60 से अधिक गंतव्यों को वैश्विक स्तर पर जिस तरह पहचान मिली है, उससे विश्व की दिलचस्पी भारत को लेकर बढ़ी है. इन सब प्रयासों और अनुकूलताओं का सुफल है कि वर्ष 2022-2023 में भारत में पर्यटन क्षेत्र ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 76.17 मिलियन रोजगार उत्पन्न किए, जो 2013-2014 के 69.56 मिलियन की तुलना में अधिक है. विदेशी मुद्रा आय 2014 के 19.69 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2023 में 28.07 अरब अमेरिकी डॉलर हो गई, जो 42.53% की वृद्धि को दर्शाती है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पर्यटन को एक स्थाई, जिम्मेदार और समावेशी आर्थिक विकास के स्रोत के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से विकसित भारत की परिकल्पना के तहत भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय अनेक प्रयास कर रहा है.

जैसे हमारा लक्ष्य भारत में समग्र पर्यटक अनुभव को उत्कृष्ट बनाना, संभावनाओं के आधार पर नए पर्यटन स्थलों और अनुभवों का विकास करना, पर्यटन कौशल के माध्यम से व्यक्तियों को सशक्त बनाना और रोजगार सृजित करना, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में निजी क्षेत्र के लिए पर्यटन में अनुकूल परिस्थितियां बनाना है. शेखावत ने कहा कि राजस्थान अन्य प्रदेशों के लिए एक आदर्श, क्योंकि पर्यटन क्षेत्र राज्य के जीडीपी में लगभग 12% योगदान करता है, जो देश में सबसे अधिक है. राज्य में पर्यटकों की संख्या 2019 में 5.38 करोड़ से बढ़कर 2023 में 18.07 करोड़ हो गई है। राजस्थान गोल्डन ट्रायंगल सर्किट का हिस्सा है,

जो भारत में कुल विदेशी पर्यटकों के आगमन का 35% आकर्षित करता है. यहां 9 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं. राज्य ‘डेस्टिनेशन वेडिंग्स’ और ‘हेरिटेज एवं लीजर टूरिज्म’ के लिए सबसे पसंदीदा स्थान है. भारत के कुल हेरिटेज होटलों का 68% (206 में से 140 होटल) राजस्थान में है. राज्य में दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे (58% भाग राजस्थान में) और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (39% भाग) के साथ पर्यटक गतिविधियों की अपार संभावनाएं हैं. राजस्थान में पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में निवेश 2015-16 के 1,689 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में ₹4,847 करोड़ हो गया है.

राजस्थान में पर्यटन को उद्योग का दर्जा

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र को औद्योगिक दर्जा देने वाले राज्यों में सर्वप्रथम था. राजस्थान की पहल अब अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए आदर्श बन चुकी है. पर्यटन मंत्रालय ने राजस्थान के प्रयास और अनुभव के आधार पर अन्य राज्यों के लिए एक हैंडबुक तैयार किया है, ताकि वे भी पर्यटन क्षेत्र को औद्योगिक दर्जा दे सकें. राजस्थान विजन 2047 में विकसित राजस्थान के लक्ष्य के साथ राज्य को प्रमुख ग्लोबल डेस्टिनेशन में बदलने की दिशा में केंद्र और राज्य सरकार मिलकर दिन-रात कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय राजस्थान के पर्यटन विकास के लिए हरसंभव सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है.

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