Jallianwala Bagh Massacre: आज 13 अप्रैल को भारत जलियांवाला बाग नरसंहार (Jallianwala Bagh Massacre) की 105वीं बरसी मना रहा है. इस दिन को याद करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की है. शाह ने उस घटना को काला अध्याय तो सीएम योगी ने उस स्थान को पवित्र तीर्थ बताया है.
केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने किया शहीदों को नमन
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक्स पोस्ट में लिखा- जलियांवाला बाग नरसंहार भारत के स्वतंत्रता संग्राम का वह काला अध्याय है, जिसने समूचे देश को झकझोर कर रख दिया. अमानवीयता की पराकाष्ठा तक पहुंच चुकी अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता से देशवासियों में जो रोष उत्पन्न हुआ, उसने आजादी के आंदोलन को जन-जन का संग्राम बना दिया. प्राणों को न्योछावर करने वाले अमर सपूतों को नमन करते हुए अमित शाह ने आगे कहा, “जलियांवाला बाग में शहीद हुए बलिदानियों को नमन करता हूं. देश अमर बलिदानियों को सदा अपनी स्मृतियों में संजोए रखेगा.”
जलियांवाला बाग नरसंहार भारत के स्वतंत्रता संग्राम का वह काला अध्याय है, जिसने समूचे देश को झकझोर कर रख दिया। अमानवीयता की पराकाष्ठा तक पहुँच चुकी अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता से देशवासियों में जो रोष उत्पन्न हुआ, उसने आजादी के आंदोलन को जन-जन का संग्राम बना दिया।
जलियांवाला बाग… pic.twitter.com/PHSnm7M2dR
— Amit Shah (@AmitShah) April 13, 2025
सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि
सीएम योगी आदित्यनाथ CM Yogi ने भी सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं. उन्होंने वीर सपूतों को नमन करते हुए लिखा- जलियांवाला बाग के अमर बलिदानियों को कोटि-कोटि नमन! जलियांवाला बाग सभी देशभक्तों के लिए एक पवित्र तीर्थ है, जहां मातृभूमि के वीर सपूतों ने ब्रिटिश हुकूमत की बर्बरता का प्रतिकार करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी. उन्होंने शहादत को प्रेरणास्पद बताते हुए आगे कहा- जलियांवाला बाग के अमर क्रांतिकारियों का बलिदान राष्ट्र के स्वाभिमान और स्वतंत्रता की अमर गाथा है, जो सदैव प्रेरणा देती रहेगी.
13 अप्रैल 1919 का वो काला दिन
13 अप्रैल 1919 को अमृतसर स्थित जलियांवाला बाग में अंग्रेज अफसर जनरल डायर ने बैसाखी के मौके पर आयोजित समारोह में निहत्थे लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलवा दी थीं. इस हृदयविदारक घटना में अनगिनत लोगों की जान गई, इनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं. कई लोग कुचल गए और संकरे रास्ते के कारण बाहर निकल नहीं पाए थे. डर की वजह से कई महिलाओं ने अपने बच्चों के साथ बाग में मौजूद एक कुएं में छलांग लगा दी थी. ये सभी यहां ब्रिटिश हुकूमत के रॉलेट एक्ट के विरोध में आयोजित जलसे में शामिल हुए थे. इस एक्ट के तहत किसी भी भारतीय को बिना मुकदमा चलाए गिरफ्तार किया जा सकता था.