K9 Vajra-T Guns: भारतीय सेना को और मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. खबर है कि सरकार ने सैन्य बल को आधुनिक बनाने के लिए 100 अतिरिक्त K9 वज्र-टी तोपें खरीदने का निर्णय लिया है. ये तोपें स्वदेशी कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) द्वारा बनाई जाएंगी. सरकार का यह कदम भारत की सैन्य ताकतों को और भी मजबूत करेगा. खासतौर से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारत की ताकत और भी बढ़ जाएगी.
चीन के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर किया जाएगा तैनात
इससे पहले भी भारत ने 100 K9 तोपें खरीदी थीं, जिन्हें रेगिस्तानी क्षेत्रों में तैनात किया गया था. अबकी बार खरीदे जाने वाले के-9 तोपों को चीन से सटे एलएसी के पास पहाड़ी इलाकों में तैनात किया जाएगा. चीन के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत अपनी सैन्य रणनीति और साजो-सामान को मजबूत करने में लगा है.
भारत में ही बना है K-9 वज्र
बता दें कि K-9 वज्र असल में दक्षिण कोरिया के K-9 थंडर 155mm तोप का भारतीय संस्करण है, जिसको L&T कंपनी भारत में लाइसेंस के तहत बनाती है. भारतीय संस्करण में स्वदेशी टेक्नीक का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें फायर कंट्रोल सिस्टम, गोला-बारूद प्रबंधन सिस्टम और डायरेक्ट फायर सिस्टम शामिल हैं. इन सभी को L&T ने ही विकसित और निर्मित किए है.
बेहद खास है ये तोप
मुख्य रूप से K9 वज्र-टी तोपों को कठिन परिस्थितियों में काम करने के लिए बनाया गया है. यह -20°C तक के तापमान में भी काम करने योग्य बनाने के लिए विंटर किट से लैस है. इन किट में खास बैटरी और लुब्रिकेंट हैं जो पहाड़ी इलाकों की भयंकर ठंड में भी काम करने में सक्षम हैं. K9 प्रोजेक्ट की सबसे खास बात यह है कि इसमें 80 प्रतिशत से अधिक काम भारत में ही हुआ है. एलएंडटी के अनुसार, वज्र-टी प्रणाली के आधे से अधिक पुर्जे स्वदेशी हैं.
पलभर में दुश्मन का सफाया करने में सक्षम
के-9 वज्र-टी अपनी मारक क्षमता के लिए मशहूर है. इसमें 155mm की तोप लगी है जो 38 किमी तक निशाना लगा सकती है. सेमी-ऑटोमेटिक लोडिंग प्रणाली, तेजी से फायर करने की क्षमता, बैलिस्टिक खतरों और एंटी-पर्सनल माइंस के खिलाफ मजबूती इसे सेना के लिए एक खास हथियार बनाती है. अपनी मारक क्षमता के साथ ही, K9 वज्र नवीनतम डिजिटल फायर कंट्रोल सिस्टम से युक्त है और यह मल्टीपल राउंड सिमुल्टेनियस इम्पैक्ट (MRSI) जैसे जटिल मोड में भी काम करने में माहिर है. इससे जंग के दौरान इसकी प्रभावशीलता और बढ़ जाती है. इसमें 155mm/52 कैलिबर की तोप लगी होती है जो हर 15 सेकंड में 3 राउंड फायर करने में सक्षम हैं.
ये भी पढ़ें :- IAF के फाइटर पायलट शुभांशू शुक्ला जाएंगे इंटरनेशनल स्पेस सेंटर, इसरो की लगी मुहर