Kashi Vishwanath Dham: विश्व प्रसिद्ध श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में पिछले कुछ सालों में भक्तों की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी हुई है. भक्तों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो, इसके लिए विश्वनाथ मंदिर प्रशासन के साथ वाराणसी पुलिस मिलकर प्रयास कर रही है. इन सब के बीच काशी विश्वनाथ धाम में मौजूद पुलिसकर्मियों को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है.
बता दें कि काशी विश्वनाथ धाम परिसर में पुलिसकर्मी अब पुजारियों की तरह ही धोती-कुर्ता पहनकर मंदिर परिसर की सुरक्षा करेंगे. बताते चलें कि ऐसा ही प्रयोग आज से कुछ साल पहले 2018 में किया गया था.
इस वजह से उठाया गया कदम
यह कदम काशी विश्वनाथ धाम प्रशासन द्वारा भक्तों के अनुभव को सुखद बनाने के मकसद से उठाया गया है, ताकि उनके अंदर सुरक्षाकर्मियों की पोशाक से जुड़ी नकारात्मक धारणा को खत्म किया जा सके. मंदिर अधिकारियों के मुताबिक, पुरुष सुरक्षाकर्मी भक्तों की तरह भेष धारण करने के लिए धोती कुर्ता पहनेंगे, जबकि महिला सुरक्षाकर्मी सलवार कुर्ता पहनेंगी. इसके साथ ही, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए नो टच पॉलिसी भी लागू की गई है
जानिए क्या बोले पुलिस आयुक्त
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कहा कि जिस तरह से पुलिस उनके साथ व्यवहार करती है, उससे उन्हें ऐसा कभी नहीं लगा कि उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया जा रहा है. उन्होंने कहा, “आमतौर पर इस तरह की समस्याएं तब होती हैं, जब भगवान के दर्शन करने के लिए भक्त कतारों में लगते हैं. कई बार लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ता है जिसकी वजह से वह परेशान हो जाते हैं, लिहाजा इस समस्या का समाधान करने और पुलिस की छवि को मित्रवत बनाने के मकसद से खाकी फ्री नीति अख्तियार की गई है. पुलिस की छवि सुधारने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि मंदिर दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का अनुभव सुखद हो.”
पुजारी के वस्त्र में पुलिस कर्मियों की ड्यूटी
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने आगे बताया कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं की सुविधा और सहयोग के लिए पुजारी के वस्त्रों में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाने का निर्देश दिया था. पुलिस उपायुक्त सुरक्षा सूर्यकांत त्रिपाठी ने निर्देश के अनुसार बुधवार से इसकी शुरुआत भी कर दी. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भ गृह में श्रद्धालुओं की सुविधा और सहयोग के लिए पुजारी के वस्त्र में पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है.
तीन दिन की दी जाएगी ट्रेनिंग
पोशाक को धारण करने से पहले इन सुरक्षाकर्मियों को तीन दिनों की प्रशिक्षण दी जाएगी. साथ ही विश्वनाथ मंदिर परिसर में तैनात होने वाले जवानों को अलग से ट्रेंड किया जाएगा. पुलिसकर्मियों को मंदिर के महत्वपूर्ण प्वाइंट्स के साथ ही काशी के महत्वपूर्ण स्थलों, घाटों के अलावा और अन्य जानकारियां भी दी जाएंगी, ताकि अगर कोई पुलिसकर्मी किसी की मदद करता है और कोई श्रद्धालु पुलिसकर्मी से जानकारी मांगता है तो उन्हें भी इस बारे में निराश न होना पड़े.